बिहार पुलिस एसोसिएशन ने जुमुई के दारोगा प्रभात रंजन के आश्रितों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की

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जमुई के गढ़ी थाना के अपर थानाध्यक्ष प्रभात रंजन प्रतिकूल पारिवारिक स्थितियों में भी कर्तव्य निर्वाह कर रहे थे। तीन माह का नवजात पुत्र व बड़े भाई गंभीर रूप से बीमार हैं। दोनों के उपचार के लिए पूरा परिवार दिल्ली में रह रहा है। इधर, सरकार की राजस्व चोरी रोकने के लिए वे संगठित बालू खनन गिरोह को चुनौती दे रहे थे।

अवैध बालू का परिवहन कर रहे ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश के दौरान दुस्साहसी चालक ने उनकी मोटरसाइकिल को रौंद दिया, जिससे वह बलिदान हो गए। यह सूचना सुबह के लगभग दस बजे जैसे ही उनके पैतृक गांव वैशाली के पातेपुर प्रखंड के भगवानपुर खजूरी गांव और दिल्ली पहुंची, स्वजन विलाप करने लगे। पूरा गांव शोकाकुल स्वजन को ढाढस बंधाने जुट गया।

पंचायत शिक्षक और रेलवे की नौकरी के बाद दारोगा बने थे प्रभात

दारोगा प्रभात रंजन के चचेरे भाई स्थानीय मुखिया पति अमित कुमार उर्फ नटवर मंगलवार की शाम तक जमुई पहुंच गए थे। बलिदानी की पत्नी, मां, पिता और बच्चों के देर शाम तक दिल्ली से गांव पहुंचने की संभावना है। बलिदानी दारोगा के चचेरे भाई अमित कुमार ने बताया कि प्रभात बचपन से ही मेधावी थे। पहले पंचायत शिक्षक बने, फिर रेलवे में नौकरी हो गई थी। रेलवे में नौकरी करते हुए 2018 में दारोगा भर्ती परीक्षा पास कर चयनित हो गए। पहली पोस्टिंग हाजीपुर थी, इसके बाद सारण से जमुई स्थानांतरण हो गया था। पातेपुर प्रखंड क्षेत्र के टेकनारी निवासी नंदकुमार साह की सुपुत्री पूजा कुमारी के साथ वैवाहिक बंधन में बंधे थे।

बलिदानी को तीन वर्ष की पुत्री व तीन माह का पुत्र है। प्रभात दो भाई व एक बहन में सबसे छोटे थे। बड़े भाई मधुकांत किडनी रोग से लंबे समय से ग्रस्त हैं। मां सीता देवी ने इन्हें अपनी किडनी दी थी। उनकी दूसरी किडनी भी बेकार हो चुकी है। वे डायलिसिस पर हैं। दिल्ली में उनका उपचार चल रहा है। तीन माह का नवजात पुत्र भी बीमार चल रहा है। पूरा परिवार दोनों के उपचार के लिए दिल्ली में ही है। वहां लोग 17 वर्षों से किराए के मकान में रहते आ रहे हैं।

एक करोड़ मुआवजा देने की मांग

बिहार पुलिस एसोसिएशन ने जुमुई के बलिदानी दारोगा प्रभात रंजन के आश्रितों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने पुलिस पर हमला करने वाले अपराधियों से सख्ती से निबटने की अपील भी की।

हाल के दिनों में बालू व शराब माफिया व अपराधियों का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि वे अपनी अवैध कमाई व लूट की राह रोकने पर पुलिस पर जानलेवा हमला करने से भी बाज नहीं आ रहे। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि इन्हें कौन शह दे रहा है। माफिया व अपराधियों के मन में पुलिस का खौफ घटता क्यों जा रहा है।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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