बैंक शाखा से निकलते ग्राहक से लूटपाट रोकने का प्रयास कर रहे बिहार पुलिस के जवान की गोली मार हत्या करने के बाद पुलिस एनकाउंटर में मारे गए एक अपराधी की कहानी अब सामने आयी है। उसने तो बालिग होने से पहले ही अपराध की दुनिया में पहचान बना ली थी। उसे गया की पुलिस ढूंढ़ रही थी और वह वैशाली में इस अपराध को अंजाम दे रहा था। गया पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए सत्य प्रकाश की पुरानी कहानी खुद सामने लायी है।
चाचा की हत्या के साथ और कई मामलों में था शामिल
बिहार के वैशाली में सोमवार सिपाही की गोली मारकर भागने के दौरान पुलिस ने जवाबी करवाई करते हुए बिट्टू कुमार और सत्यप्रकाश उर्फ गोलू को मार गिराया गया था। अपराधी सत्यप्रकाश गया जिले के मानपुर प्रखंड का बुनियादगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला था। सत्यप्रकाश पर अपने ही चाचा की हत्या का एफआईआर बुनियादगंज थाना में दर्ज था। बुनियादगंज थानाध्यक्ष का कहना है कि सत्यप्रकाश 31 दिसंबर 2020 को अपने चाचा सुनील शर्मा की हत्या कर शव को फेंक दिया था। इस मामले में सत्यप्रकाश और घर के परिजनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें पिता अनिल शर्मा, मां, बहन और भाई प्रिंस कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।सत्यप्रकाश घटना के बाद से फरार चल रहा था।
टॉप टेन की सूची में था शामिल
बुनियादगंज थानाध्यक्ष का कहना है कि सत्यप्रकाश नाबालिक से ही अपराध में शामिल हो गया था। वर्ष 2016 में नाबालिक में ही मारपीट और हत्या के प्रयास का मामला बुनियादगंज थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज है। थानाध्यक्ष का कहना है कि हत्या की घटना के बाद से वह फरार चल रहा था और गया जिला में वह टॉप टेन की सूची में शामिल था। उसके एनकाउंटर से गया पुलिस ने राहत की सांस ली है।