श्रीनगर, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में बिहार निवासी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) अफसर मनीष रंजन और भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की भी जान चली गई। यह हमला न केवल देश की सुरक्षा प्रणाली पर सीधा हमला है, बल्कि इंसानियत के खिलाफ भी एक अमानवीय कृत्य है।
परिवार के सामने चली गोलियाँ:
मनीष रंजन, जो कि हैदराबाद में सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात थे, छुट्टियों में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ पहलगाम आए थे। जैसे ही आतंकियों ने बैसरन में गोलीबारी शुरू की, मनीष ने तुरंत अपने परिवार को बचाने की कोशिश की। उन्होंने पत्नी और बच्चों से कहा कि वे विपरीत दिशा में भाग जाएँ, ताकि हमले से बच सकें। दुर्भाग्यवश, आतंकियों ने मनीष को पकड़ लिया और उनके ही परिवार के सामने उन्हें गोली मार दी।
पत्नी और बच्चे सुरक्षित हैं, लेकिन गहरे सदमे में हैं।
नौसेना का जांबाज़ अधिकारी भी शहीद:
हमले में हरियाणा के रहने वाले 26 वर्षीय नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की भी मौत हो गई। वे अपनी छुट्टी के दौरान इस क्षेत्र में आए थे और आतंकियों की अंधाधुंध गोलीबारी का शिकार बन गए।
राष्ट्रीय शोक और आक्रोश:
देश भर में इस हमले को लेकर आक्रोश है। सोशल मीडिया पर आम नागरिकों से लेकर रक्षा विशेषज्ञों और राजनेताओं तक ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है।
गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। वहीं सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र में सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।