पैरा एथलीट शरद कुमार ने पेरिस पैरालंपिक गेम्स -2024 में हाई जंप में टी-63 कैटेगरी में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। 2020 टोक्यो पैरालंपिक में शरद ने इसी इवेंट में ब्रांज मेडल (1.83 मीटर) जीता।
लगातार दो पैरालंपिक गेम्स में मेडल जीतने वाले शरद पहले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने यह करिश्मा दिखाया है। इस सफलता पर शरद ने कहा, मैं उम्मीद कर रहा था गोल्ड मेडल जीतने का, लेकिन 1.88 मीटर जंप कर पाया। सिल्वर मेडल से काफी खुश हूं। इस कामयाबी का श्रेय पिता सुरेन्द्र कुमार, मां कुमकुम कुमारी और बड़े भाई सनत कुमार को देता हूं। शरद कहते हैं-‘मुझे इस मुकाम पर पहुंचने में कई कठिनाइयों के दौर से गुजरना पड़ा। इसके लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी पड़ी। पैरालंपिक कमेटी ऑफ दिल्ली से मुझे काफी सहयोग मिला। पेरिस पैरालंपिक के लिए हुए सेलेक्शन ट्रायल के दौरान मैं बीमार था। दिल्ली एम्स में भर्ती था। सीने में दर्द की शिकायत के कारण भारतीय टीम में सेलेक्शन नहीं हुआ था। पेरिस जाने से पहले पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया ने मेरे पिछले टूर्नामेंट में प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय टीम में शामिल कर लिया।’ हाई जंप में बिहार के जमुई से शैलेश कुमार और तमिलनाडु के मरियप्पन थंगवेलु ने भी क्वालिफाई किया। पेरिस पैरालंपिक में मरियप्पन को ब्रांज मेडल मिला, जबकि शैलेश को चौथे स्थान पर रहे।
शरद ने अमेरिका में लिया था प्रशिक्षण
पेरिस और टोक्यो से पहले शरद ने भारतीय खेल प्राधिकरण में ट्रेनिंग ली है। यूक्रेन के कोच मरिया ओमजान ने शरद को ट्रेनिंग देकर उनका हौसला बढ़ाया। पिछले साल शरद ने अमेरिका में ट्रेनिंग ली। 2016 में आयोजित रियो पैरालंपिक में शरद 1.77 मीटर जंप लगाकर छठे स्थान पर रहे थे। वहीं, तमिलनाडु के मरियप्पन थंगवेलु ने 1.89 मीटर जंप कर स्वर्ण पदक हासिल किया था।
हाईजंपर शरद के नाम दर्ज हैं कई रिकॉर्ड
बाएं पैर से विकलांग हाईजंपर मोतीपुर कोदरकट्टा पूरन निवासी शरद कुमार ने पैरा वर्ल्ड कप 2019 में सिल्वर, वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स 2017 में सिल्वर, एशियन पैरा गेम्स एथलेटिक्स मीट 2014 में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा शरद के नाम कई एशियन पैरा मीट में रिकॉर्ड हैं।