बिहार: परीक्षा में अजीबोगरीब जवाब-‘ससुराल में पढ़ाई नहीं हो सकी, सर प्लीज पास कर दीजिये’

BPSC TRE exam

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में स्नातक सेमेस्टर-2 के परीक्षा लगभग बीते दो माह पहले हुई थी. कॉपी मूल्यांकन की प्रक्रिया चल रही है. उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के दौरान मुजफ्फरपुर में एक छात्रा ने अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखा है कि ‘सर, ससुराल में पढ़ाई नहीं हो सकी, प्लीज पास कर दीजिये.

छात्रों का अजीबोगरीब जवाब

इतना ही नहीं कुछ छात्रों ने लिखा है कि ‘सर, पास कर दीजिएगा तो बहुत मेहरबानी होगी. एहसान जीवन भर नहीं भूलेंगे. स्नातक सेमेस्टर-2 की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन के दौरान कई परीक्षार्थियों ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं में पास होने के लिए अजीबोगरीब बहाने लिखे हैं. वहीं कुछ छात्रों ने बीमार होने का हवाला देकर पास करवा देने की गुहार लगाई है.

पास कर देने के लिए तरह-तरह बहाने

जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर रहे परीक्षकों ने बताया कि यूनिवर्सिटी द्वारा बीते छह माह पूर्व स्नातक सेमेस्टर 2 की परीक्षा आयोजित कराई गई थी. कई छात्र-छात्राओं ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं में कुछ नहीं लिखा है और पास होने के लिए अलग-अलग बहाने लिखे हैं.

‘बुखार से नहीं कर सके परीक्षा की तैयारी’

एक छात्र ने अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखा है कि उसके घर में परिवार के सदस्य वायरल बुखार से पीड़ित थे. उनकी देखभाल करते-करते वह खुद भी बीमार हो गया. बीस दिन तक बुखार रहा, जिसके वजह से परीक्षा की तैयारी नहीं कर सके. वहीं एक छात्र ने अपनी उत्तर पुस्तिका में शिक्षक से गुहार लगाते हुए लिखा है कि ‘अगर उसे शिक्षक पास करा देते हैं तो जीवन पर वह उनकी पूजा करेगा.’ जिंदगी में एहसान कभी नहीं भूलेगा.

‘शादी के बाद बढ़ा काम का बोझ’

परीक्षकों ने बताया कि सिर्फ सेमेस्टर-2 की कॉपियों में ही नहीं, बल्कि स्नातक (टीडीसी पार्ट 3) के उत्तर पुस्तिकाओं में भी परीक्षार्थियों ने कई तरह की बहाने बनाते हुए परीक्षा पास करवाने की गुहार लगाई है. अपनी उत्तर पुस्तिकाओं में लिखा है कि शादी के बाद ससुराल में काम का बोझ बढ़ जाने के वजह से पढ़ाई बाधित हो गया, जिसके कारण वह सही से तैयारी नहीं कर सकी.

‘फेल हुई तो खाना-पीना कर देंगे बंद’

वहीं कुछ छात्रों ने तो यहां तक लिख दिया कि अगर वे परीक्षा में पास नहीं हुए तो उनके घरवाले (ससुरालीजन) उन्हें खर्चा देना बंद कर देंगे. हालांकि, परीक्षकों ने यह भी बताया कि कई परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं काफी बेहतर हैं और उन्हें अच्छे अंक भी मिलेंगे. यूनिवर्सिटी के मुताबिक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर परीक्षाफल तैयार कर लिए गए हैं. इसी महीने रिजल्ट प्रकाशन की उम्मीद है.

‘परीक्षार्थियों की पहचान उजागर होना मुश्किल’

वहीं एक परीक्षक (यूनिवर्सिटी प्रोफेसर) ने अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं पर यूनिवर्सिटी का कोडिंग डिकोडिंग होता है, जिसके वजह से परीक्षार्थियों की पहचान उजागर होना मुश्किल है. यूनिवर्सिटी कोडिंग कर परीक्षार्थियों की पहचान अपने पास सुरक्षित रख लेती है.

“उत्तर पुस्तिका पर सिर्फ कोर्ड दिखते हैं नाम या रोल नंबर उसपर अंकित नहीं रहता है. परीक्षक द्वारा मूल्यांकन कर उत्तर पुस्तिका यूनिवर्सिटी को सुपुर्द कर दी जाती है जिसके बाद कोडिंग डिकोडिंग के आधार पर परीक्षार्थियों की रिजल्ट का प्रकाशन यूनिवर्सिटी करती है.”- परीक्षक

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.