शराबबंदी नीति के चलते बिहार को हुई 50 हजार करोड़ की हानि: सुशील मोदी

GridArt 20230608 142119893

पटना: शराबबंदी कानून के बहाने एक बार फिर से बिहार को पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने बिहार की नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार में बिहार की कोई हकमारी नहीं हुई ,बल्कि यूपीए के दस साल की तुलना में पिछले नौ साल में राज्य को 5 लाख 22 हजार 768 करोड़ रुपये ज्यादा मिले. यह और बात है कि नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति के चलते सात साल में राज्य को लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के राजस्व से वंचित रहना पड़ा।

सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में भी बिहार को पिछली यूपीए सरकार की तुलना में 2 लाख 50हजार 552 करोड़ रुपये अधिक प्राप्त हुए. उन्होंने कहा कि सहायता अनुदान (ग्रांट इन एड) के तौर पर बिहार को यूपीए के दस साल (2004-2014) की अपेक्षा एनडीए के नौ साल (2014-2023) में 1लाख 81हजार 216 करोड़ रुपये अधिक मिले।

सुशील मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री विजय चौधरी और योजना मंत्री बिजेंद्र यादव बतायें कि विभिन्न मदों में अधिक धनराशि देने के साथ पीएम पैकेज भी देना बिहार की हकमारी कैसे है? उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी एक झटके में 32 से बढा कर 42 फीसद कर दी.10 फीसद की वृद्धि से बिहार जैसे पिछड़े राज्य को सर्वाधिक लाभ हुआ।

सुशील मोदी ने कहा कि जिस एनडीए सरकार ने केंद्रीय करों में राज्य को ज्यादा हिस्सा दिया, उस पर JDU-RJD के लोग हकमारी करने का झूठा आरोप लगा रहे हैं. इस थेथरोलॉजी का जवाब कोई अर्थशास्री नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष तो JDU के पूर्व सांसद और बिहार के अर्थशास्री एन के सिंह थे. क्या JDU बिहारी अर्थशास्री पर बिहार की हकमारी का आरोप लगाना चाहता है? सुशील मोदी ने कहा कि वित्त आयोग ने सभी राज्यों के लिए फंडिंग पैटर्न बदला और इससे सबको लाभ हुआ।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.
Recent Posts