बिहार : बदलेगा मौसम का मिजाज, होगी झमाझम बारिश; IMD ने जारी किया अलर्ट

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पटना। राजधानी समेत प्रदेश के अलग-अलग भागों में अगले तीन दिनों के दौरान हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा छाए रहने की संभावना है। तीन दिनों के दौरान तापमान में कोई विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। दिन में धूप निकलने से मौसम सामान्य बना रहेगा। वहीं 27 दिसंबर के आस-पास प्रदेश में एक बार फिर बारिश के आसार हैं, जिससे तापमान में कमी आएगी।

प्रदेश के प्रमुख शहरों के मौसम का हाल

  • पटना- पटना में आज का अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रहने का अनुमान है।
  • भागलपुर- भागलपुर में आज का अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रहने का अनुमान है।
  • मुजफ्फरपुर- मुजफ्फरपुर में आज का अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री रहने का अनुमान है

27 के बाद बारिश के आसार

देश के पश्चिमी भाग में भीषण ठंड ने दस्तक दे दी है, वहीं दूसरी ओर पर्वतीय इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ उठने के कारण भारी वर्फबारी हो रही है। इसके साथ ही 27 दिसंबर के आसपास प्रदेश में वर्षा के आसार बन रहे हैं। यह ठंड के मौसम में राज्य में होने वाली दूसरी वर्षा होगी। इस वर्ष ठंड के मौसम में पूर्व में भी एक हल्की वर्षा हो चुकी है।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि अगले छह दिनों तक राज्य के मौसम में कोई विशेष बदलाव के संकेत नहीं है। देश के पर्वतीय इलाके में बनने वाले पश्चिमी विक्षोभ से प्रदेश के कुछ भागों में 27 दिसंबर के आसपास वर्षा हो सकती है। इसके साथ ही राज्य में ठंड काफी बढ़ जाएगी। साथ ही 31 की रात में घना कोहरा भी हो सकता है।पूसा रहा सबसे ठंडा

शनिवार को पूसा राज्य का सर्वाधिक ठंडा स्थान रहा। वहां पर न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, मधुबनी में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 24.7 एवं न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

दोपहर की गर्मी से बढ़ी किसानों की परेशानी

दोपहर में गर्मी होने से किसानों की परेशानी बढ़ रही है। ओस व कुहासा के बावजूद खेतों की नमी बचाना किसानों के लिए चुनौती बना हुआ है। रबी की मुख्य फसल गेंहू व सरसों के खेत में सिंचाई की जरूरत महसूस होने लगी है।जानकारों का कहना है कि अगर नमी कम है तो सरसों व गेहूं में बुवाई के बाद 15 दिन के अंतराल पर कम से कम दो सिंचाई आवश्यक होता है, लेकिन अगर नमी है तो उसमें सिंचाई की जरूरत नहीं होती है। वर्तमान परिवेश में स्थिति यह है कि लगभग हर खेत में सिंचाई महसूस होने लगी है।

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