पटना। बिहार को बाल श्रम से मुक्त करने के लिए मुखिया और सरपंच की सहायता ली जाएगी। श्रम संसाधन विभाग की कोशिश है कि जनप्रतिनिधियों के सहयोग से राज्य को बाल श्रम मुक्त किया जाय। इसके लिए विशेष अभियान चलेगा। चौक-चौराहों पर विशेष जागरूकता अभियान सह संवाद कार्यक्रम होगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, राज्य को बाल श्रम से मुक्त कराने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग के अधिकारी औचक छापेमारी कर रेस्टोरेंट, ढाबों और होटलों के अलावा फैक्ट्रियों में काम करने वाले बच्चों को रिहा भी करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से हर बच्चे को 25-25 हजार दिये गए। बावजूद राज्य में बाल श्रम रुक नहीं रहा है। इसे देखते हुए ही विभाग ने तय किया है कि अब बाल मजदूरी समाप्त करने के लिए नियोजित तरीके से काम किया जाय। विभाग के स्तर पर पंचायतवार एक रजिस्टर रखने की तैयारी है, बाल मजदूरी करने वाले बच्चों पर नजर रखी जा सके।
स्कूली बच्चों और शिक्षकों की भी ली जाएगी सहायता पंचायत स्तर पर स्कूली बच्चों और शिक्षकों की भी सहायता ली जाएगी। जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर प्रभात फेरी निकाली जाएगी। नुक्कड़ नाटक, कठपुतली, लोकगीत से रचनात्मक और आकर्षक तरीकों का उपयोग कर बाल श्रम के बारे में लोगों को बताया जाएगा।