बिहार ने कहलगांव और फरक्का की 832 मेगावाट बिजली सरेंडर कर दी है। बिजली कंपनियां शनिवार रात 12 बजे से NTPC के कहलगांव पावर प्लांट से स्टेज वन में आवंटित 345 मेगावाट और फरक्का पावर प्लांट के स्टेज वन की दो यूनिटों से आवंटित 487 मेगावाट बिजली नहीं लेगी।
बिहार विद्युत विनियामक आयोग की अनुमति के बाद बिजली कंपनियों ने NTPC को इसकी सूचना दे दी है। एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि एनटीपीसी सरेंडर बिजली को केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की अनुमति के बाद दूसरे आवंटी राज्यों को ऑफर करेगा। मंजूरी नहीं मिली तो यह सस्ती बिजली खुले बाजार में ऑफर की जाएगी। बिजली कंपनियों को कहलगांव और फरक्का की इन यूनिटों से औसतन 4.19 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही थी।
एनटीपीसी की दूसरी यूनिटों के मुकाबले इसकी बिजली सस्ती होने के बावजूद प्लांट की बिजली सरेंडर कर दी गयी। इसके पीछे कंपनी का तर्क है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही बाढ़, बक्सर और नॉर्थ कर्णपुरा की नयी यूनिटें चालू होने पर बिजली की उपलब्धता सरप्लस हो जाएगी। ऐसे में समझौते में रहते हुए बिजली नहीं लेने पर कंपनी को लागत का फिक्सड कॉस्ट देने की बाध्यता रहेगी।
सामान्य परिस्थितियों में उनको दूसरी यूनिट या बाजार से सस्ती बिजली उपलब्ध हो रही है। 854 मेगावाट बिजली सरेंडर होने पर फिलहाल एनटीपीसी से बिहार को आवंटित बिजली कोटा घट कर मात्र 6169 मेगावाट रह जाएगा। वर्तमान में एनटीपीसी की बिहार सहित दूसरे राज्यों में स्थित यूनिटों से 7001 मेगावाट बिजली का आवंटन है।