पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बिहार के दो छात्रों की पिटाई के मामले में सियासत गरमा गई है. केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता ललन सिंह ने ममता सरकार को इस मामले पर घेरते हुए कहा कि बंगाल में कोई लॉ एंड ऑर्डर नाम की चीज है क्या. बंगाल में कोई सरकार और कोई कानून नहीं हैं. इसलिए वहां अराजकता का माहौल है. इसलिए बंगाल सरकार को एक मिनट नहीं रहने का अधिकार नहीं है.
वहीं इस मामले पर गिरिराज सिंह ने कहा कि ममता सरकार रोहिंग्याओं के लिए तो रेड कार्पेट बिछाती है, लेकिन उस राज्य में बिहार के बच्चे परीक्षा देने जाते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है. उनको भगाया जाता है. इस चीज को तेजस्वी यादव और राहुल गांधी को देखना चाहिए और बताना चाहिए कि बंगाल भारत में है या नहीं. इस पूरे मामले को लेकर तेजस्वी यादव ने भी सीएम ममता से बात की.
वहीं बंगाल सरकार के मंत्री सोवनदेव भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में पता ही नहीं है. इसलिए इस पर कोई बयान देना ठीक नहीं होगा. टीएमसी नेता कुणाल घोष की ओर से कहा गया कि कुछ स्थानीय मुद्दा हो सकता है क्योंकि अन्य राज्यों से भी लोग यहां आ रहे हैं और यहां से भी जा रहे हैं. हम सबका स्वागत करते हैं. दरअसल, ये पूरा मामला बंगाल के सिलीगुड़ी एसएससी की परीक्षा देने गए बिहार के दो युवकों की पिटाई से शुरू हुआ. फिर इसका वीडियो भी वायरल हो गया.
वायरल हुए वीडियो में दो छात्रों को पिटते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में उनसे कान पकड़कर मांफी भी मंगवाई जा रही है. दोनों छात्रों को जो लोग पीट रहे हैं वो खुद को पुलिस और आईबी से बता रहे हैं. इस पूरे मामले पर बिहार पुलिस की ओर से भी एतराज जताया गया था. हालांकि इस मामले में पुलिस ने अब आरोपी सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
बिहार पुलिस ने भी इस मामले में बंगाल पुलिस से गंभिरता के साथ काम करने को कहा है. बिहार के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बंगाल के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को चिठ्ठी भी लिखी है. जानकारी के अनुसार. बांग्ला पक्खो नाम का कट्टरपंथी संगठन पर छात्रों से मारपीट का आरोप लगा है. ये संगठन पहले भी पश्चिम बंगाल में हिंदी में लिखे साइनबोर्ड को मिटाने का अभियान चला चुका है.
बिहारी छात्रों की पिटाई के मामले मे दो आरोपियों की गिरफ्ताी की गई है. उनमें से एक का नाम रजत भट्टाचार्य और दूसरा नाम गिरिधारी रॉय है. दोनों सिलीगुड़ी इलाके के रहने वाले हैं. पुलिस दोनों आरोपी से पूछताछ करने के साथ ही वायरल वीडियों के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान कर उन्हें भी पकड़ने की कोशिश कर रही है.