बिहार के रहने वाले देव प्रिय ने अमेरिका में अपना डंका बजाया है. उन्हें अमेरिका में सम्मानित किया गया है. उनके कारण आज पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है. यह भारत देश की प्रतिभा का परिणाम है कि बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर एक युवा देव प्रिय ने अमेरिका में अपनी सफलता का डंका बजाया है।
अमेरिका में किए गए सम्मानित: बताया जा रहा है कि अमेरिका द मार्किस हूज हू पब्लिकेशन बोर्ड ने तकनीकी क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए वर्ष 2024-2025 में देश स्तर पर 50 सर्वश्रेष्ठ तकनिकी विशेषज्ञों में देव प्रिय को चयनित कर सम्मानित किया है।
A1 नाम का सॉफ्टवेयर इजाद किया: मिली जानकारी के अनुसार, देवप्रिय ने पर्पल A1 नाम के सॉफ्टवेयर का इजाद किया है, जो जेनरेटिव का उपयोग कर एंटीवायरस बनाता है. यह तकनीक बेहद ही उपयोगी मानी गई है, जिस पर अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया था. संस्था ने इसे उपलब्धि माना और कोविड को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देव का इंटरव्यू हुआ. फिर चयनित किए जाने पर कोरियर के माध्यम से श्रेष्ठता का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
सीतामढ़ी के रहने वाले है देव: देव प्रिय मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिला अंतर्गत रुन्नीसैदपुर प्रखंड के रामपुर गांव के निवासी हैं. बैंक कर्मी अरविंद कुमार और शिप्रा के बेटे देव की प्रारंभिक शिक्षा और लालन पालन मुजफ्फरपुर शहर में सेवानिवृत्त साइंस शिक्षक बाबा रामसेवक सिंह की देखरेख में हुई।
बीटेक कर चुके है देव: उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई नॉर्थ प्वाइंट स्कूल से की. वहीं, प्लस टू की शिक्षा दरभंगा में हासिल किया. बाद में उच्च शिक्षा के लिए बेंगलुरु भेजे गये, जहां पेशिट संस्थान से उन्होंने बीटेक की डिग्री हासिल की और आगे चलकर बेहतर आयाम गढ़ने और नया मुकाम हासिल करने की सोच के साथ अमेरिका रवाना हुए।
तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में योगदान दे रहे: वहां देव ने जॉर्जिया टेक विश्वविद्यालय से एमटेक की डिग्री हासिल की और यही रोजगार के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाया. इस सफर के दौरान उन्होंने मेडेलिया, ट्विटर और फेसबुक के लिए वर्षों योगदान दिया है. फिलहाल वे सेंटिनल के लिए एक तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में योगदान दे रहे हैं. इस सम्मान को देव अपने ख्वाहिशों की उड़ान में नया रंग मानते हैं।