पटना::सामान्य प्रशासन विभाग ने सूबे के सभी 101 भूमि सुधार उप समाहर्त्ताओं (DCLR) को अपने कार्यों के अतिरिक्त विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोवस्त अधिनियम, 2011 की धारा-2 के अधीन संबंधित अनुमंडल के लिए प्रभारी पदाधिकारी, बन्दोबस्त के रूप में कार्य करने के लिए अधिसूचित कर दिया गया है।
भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह ने बताया कि अनुमडल स्तर पर सर्वेक्षण के पर्यवेक्षण से संबंधित कोई पदाधिकारी नहीं था अब भूमि सुधार उप समाहर्त्ता के सर्वेक्षण के कार्य में शामिल होंगे तो अपेक्षित प्रगति नजर आएगी।
अब तक सरकार द्वारा प्रभारी पदाधिकारी, बंदोबस्त के रूप में अपर समाहर्त्ता अधिसूचित थे, किन्तु अन्य प्रशासनिक कार्यों में उनकी व्यस्तता के कारण उनके द्वारा भूमि सर्वेक्षण पर यथोचित समय नहीं दिया जा रहा था। इससे भूमि सर्वेक्षण कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पा रही थी। अब उम्मीद है कि भूमि सुधार उप समाहर्त्ताओं को प्रभारी पदाधिकारी, बंदोवस्त बनाए जाने से भूमि सर्वेक्षण के कार्य में अपेक्षित प्रगति दिखाई देगी।
प्रभारी पदाधिकारी, बंदोबस्त का मुख्य कार्य प्रपत्र-18 में लगान निर्धारित करना है। सर्वेक्षण का कार्य पूरा होने और खतियान एवं नक्शे का प्रारूप प्रकाशित होने के पश्चात् प्रभारी पदाधिकारी बंदोवस्त द्वारा जमीन की प्रकृति के मुताबिक हरेक खेसरा का लगान निर्धारित किया जाता है इसके पश्चात् ही सर्वे एवं बंदोवस्त का कार्य पूर्ण होता है और खतियान एवं नक्शा का अंतिम प्रकाशन किया जाता है।
कई जिलों में प्रभारी पदाधिकारी के पद रिक्त होने एवं उनके अन्य प्रशासनिक कार्य में व्यस्तता की वजह से करीब 300 मौजों में लगान निर्धारण की प्रक्रिया लंबित हो गई थी और इतने ही मौजों का अंतिम प्रकाशन बाधित था। अब उम्मीद है कि इन मौजों के कार्य में भी उल्लेखनीय प्रगति दिखेगी। बंदोवस्त पदाधिकारियों की कमी को देखते हुए हाल ही में कई जिलों के अपर समाहर्त्ताओं को बंदोवस्त पदाधिकारी का प्रभार दे दिया गया था। इसके बाद से प्रभारी पदाधिकारी, बंदोवस्त का प्रभार किसी अन्य पदाधिकारी को सौंपने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
बिहार के 20 जिलों के 89 अंचलों के 208 शिविरों से संबंधित 4927 मौजों में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है। इसमें करीब 600 मौजों का अंतिम प्रकाशन हो चुका है यानि वहाँ सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण हो चुका है। सर्वे का कार्य में भूमि सुधार उप समाहर्त्ताओं की सहभागिता से सर्वेक्षण कार्य की हरेक स्तर की मोनिटरिंग में भी मदद मिलेगी और कार्य में तेजी आएगी।