बिहार के एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार बताया कि प्रदेश के पेशेवर अपराधियों पर अब गंभीर चोट करने की तैयारी है। इसके लिए बिहार पुलिस जनवरी 2024 में मिशन सुरक्षा लागू करने जा रही है। प्रदेश में बेहतर पुलिसिंग के लिए लांच किए जाने वाले 10 मिशन की श्रृंंखला में यह दूसरा मिशन होगा। पुलिस मुख्यालय ने इस मिशन के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को इसका नोडल विभाग बनाया है।
मिशन सुरक्षा के पांच कंपोनेंट
गंगवार ने बताया कि मिशन सुरक्षा के पांच कंपोनेंट होंगे। पहले कंपोनेंट के तहत दियारा क्षेत्र में बालू, शराब, मादक पदार्थ, हथियार के अवैध व्यापार और अपराधियों की शरणस्थली बनने से रोका जाएगा। इसके लिए 18 जिलों में 30 दियारा क्षेत्र पहचाने गए हैं। यहां पुलिस कैंप बनेंगे। कैंप में एसटीएफ और बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बी-सैप) और जिला पुलिस के विशेष प्रशिक्षित पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
200 वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी तय
दूसरे अव्यव के तहत हर जिले के शीर्ष 10 से 20 और राज्य स्तर पर चिह्नित शीर्ष 200 वांछित अपराधियों की शत-प्रतिशत गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। तीसरे कंपोनेंट में क्राइम एंड क्रिमिनल सर्वे होगा। इसके तहत पुलिस हर एक गांव, टोले व शहरी मुहल्लों में संपर्क साधा जाएगा। इस दौरान पुलिस सामाजिक तत्वों की पहचान करेगी। पुलिस मैनुअल के तहत 14 गुंडा तत्वों की पहचान करते हुए जरूरत पड़ने पर उनके ई-डोजियर खोलेगी और और ई-सर्विलांस किया जाएगा।
महज 20 मिनट में पहुंचेगी डायल 112
गंगवार ने बताया कि मिशन सुरक्षा के तहत ही डायल 112 के लांच होने वाले दूसरा चरण में में प्रत्येक गांव तक 20 मिनट में पुलिस के इमरजेंसी वाहन पहुंचाने पर जोर होगा। पांचवें कंपोनेंट के तहत सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी का कवरेज बढ़ाने का काम होगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी व अन्य सरकारी योजनाओं के तहत नए कैमरे लगाए जाएंगे। निजी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से मिले अनुरोध पर उनके सीसीटीवी को भी सेंट्रल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। जरूरत पडऩे पर स्मार्ट मोबाइल पर भी सीसीटीवी नेटवर्क को देखने की सुविधा दी जाएगी।