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बिहार के नियोजित शिक्षकों को लगा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सक्षमता परीक्षा दीजिये या छोड़ दीजिये नौकरी

बिहार के लाखों नियोजित शिक्षकों को सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है की नियोजित शिक्षकों को किसी हालत में सक्षमता परीक्षा देनी ही होगी। ऐसा नहीं करनेवालों शिक्षकों को नौकरी छोड़ देनी चाहिए। बता दें की प्राथमिक शिक्षक संघों ने पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर किया था। जिसमें हाईकोर्ट ने सक्षमता परीक्षा को रद्द करने की मांग को ख़ारिज कर दिया था।

बता दें की सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जल भूयान की वैकेशन बेंच ने गुरुवार को परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ और बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ की याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में संघों की ओर से बिहार शिक्षक नियमावली 2023 का विरोध जताया गया है। नियमावली के मुताबिक नियोजित शिक्षकों को अगर राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करना है तो उन्हें सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी।

नियोजित शिक्षकों की याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने गुरुवार को कहा कि अगर सरकार शिक्षकों को बेहतर बनाने के लिए कोई कदम उठा रही है तो उसका समर्थन करना चाहिए। अगर आप इस तरह की परीक्षाओं का सामना नहीं कर सकते तो नौकरी छोड़ देनी चाहिए। नियोजित शिक्षकों को फटकार लगाते हुए अदालत ने कहा कि शिक्षण एक महान पेशा है। लेकिन आप लोग अपने वेतन और प्रमोशन में ही रुचि ले रहे हैं। देश में लाखों लोग बेरोजगार हैं। और यहां, आप लोग अपने कौशल को विकसित नहीं करना चाहते हैं। आपको इसे गंभीर लेना चाहिए या फिर इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए।

अदालत ने आगे कहा कि गांवों के स्कूलों की हालत देखिए। हमारे देश के शिक्षा के स्तर पर नजर डालिए। एक पोस्ट ग्रेजुएशन किया हुआ शख्स ढंग से छुट्टी का पत्र भी नहीं लिख सकता है। जब सरकार शिक्षकों की सक्षमता को बढ़ाने की कोशिश कर रही है तो आप लोग अदालत में उसे चुनौती देते हैं। सभी लोग निजी और अंतरराष्ट्रीय स्कूलों में अपने बच्चों को नहीं पढ़ा सकते हैं। नियोजित शिक्षकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दलील दी गई कि बिहार सरकार ने पंचायत शिक्षक नियमावली 2012 के तहत उनकी परीक्षा ली थी। इसके बाद ही उनकी सेवा स्थायी की गई थी। ऐसे में उनकी फिर से परीक्षा क्यों ली जा रही है।

हालाँकि बिहार सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा की सक्षमता परीक्षा नियोजित शिक्षको को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए लिया जा रहा है। जिसका आयोजन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से किया जा रहा है। इस परीक्षा के बाद नियोजित शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों की तरह वेतन और भत्ते का लाभ दिया जायेगा। जबकि सक्षमता परिक्षा पास नहीं करनेवाले को भी नौकरी से नहीं निकाला जायेगा।


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Rajkumar Raju

5 years of news editing experience in VOB.

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