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बिहार की महिला IAS बनीं मिसाल..बिना कोचिंग PCS के बाद UPSC में गाड़ा झंडा, दिन में प्राइवेट जॉब…रात में पढ़ाई करते हुए पाई सफलता

ByLuv Kush

फरवरी 28, 2025
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कहते हैं कि अगर आपमें कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो आप किसी भी मुश्किल को पार करते हुए सफलता हासिल कर सकते हैं। ऐसी ही कहानी है बिहार की  IAS श्वेता भारती की। जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन की बदौलत सफलता हासिल की है। यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा क्रैक करने के लिए कम से कम 9 घंटे की पढ़ाई जरूरी है। वहीं, बिहार की रहने वाली श्वेता भारती ने प्राइवेट नौकरी में 9 घंटे की ड्यूटी करने के साथ एग्जाम को क्रैक कर इतिहास रच दिया है। हालांकि, श्वेता का सफर आसान नहीं था।

सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। लाखों लोग इस परीक्षा में सफलता पाने का सपना देखते हैं, लेकिन कुछ ही वह मुकाम हासिल कर पाते हैं। बिहार की श्वेता भारती ने अपनी मेहनत, लगन और जुनून की बदौलत सफलता हासिल की है। बिना किसी कोचिंग के दिन में 9 घंटे की नौकरी के साथ संघर्ष करते हुए और रात में नींद को त्यागकर पढ़ाई करते हुए, श्वेता ने UPSC 2021 में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 356 हासिल की और IAS अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया।

बिहार के नालंदा जिले के राजगीर बाजार की रहने वाली श्वेता भारती बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थीं। उन्होंने पटना के ईशान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्यूनिकेशन में बीटेक की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद, उन्हें प्रतिष्ठित आईटी कंपनी विप्रो में नौकरी मिल गई। लेकिन श्वेता के मन में हमेशा सिविल सेवा में जाने की तीव्र इच्छा थी। पारिवारिक जिम्मेदारियों को देखते हुए उनके पास नौकरी छोड़ने का विकल्प नहीं था।

श्वेता भारती के लिए UPSC की तैयारी और नौकरी के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं था। ऑफिस में 9 घंटे काम करने के बाद भी उन्होंने हर रात खुद को पढ़ाई के लिए समर्पित कर दिया। सोशल मीडिया और दोस्तों से दूरी बना ली। तैयारी के दौरान उन्होंने अपने स्मार्टफोन तक का इस्तेमाल बंद कर दिया क्योंकि उनका लक्ष्य केवल IAS बनने पर केंद्रित रहे। UPSC की तैयारी के दौरान ही, श्वेता ने BPSC 65वीं परीक्षा भी पास की और 65वीं रैंक के साथ कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) के रूप में सरकारी सेवा में चयनित हो गईं। यह उनके लिए एक बड़ा अवसर था, लेकिन उनका सपना केवल यहीं तक सीमित नहीं था।

उन्होंने BPSC की नौकरी को अंतिम लक्ष्य न मानकर, UPSC की तैयारी जारी रखी। आखिरकार, उनकी लगातार मेहनत रंग लाई और UPSC 2021 में AIR 356 के साथ वह IAS अधिकारी बन गईं। आज वे बिहार के भागलपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं और लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।

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