राष्ट्रीय राजधानी में स्थित भारत मंडपम में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में रविवार की संध्या बिहार के लोकगीतों के नाम रही। सबसे पहले दीप प्रज्वलित करके बिहार दिवस सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन बिहार के उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया।
बिहार के चोटी के पांच लोकगीत गायकों ने लोकगीतों की लगा दी झड़ी
उद्घाटन के बाद बिहार के चोटी के पांच लोकगीत गायकों ने भोजपुरी मैथिली, मगही और अंगिका लोकगीतों की झड़ी लगा दी। कलाकारों में नीतू कुमारी नवगीत, सत्येंद्र कुमार संगीत, अमर आनंद, नीतू कुमारी नूतन और उषा सिंह ने एक से बढ़कर एक लोकगीत गाए।
कार्यक्रम में पहुंचे ये प्रसिद्ध लोक गायक
प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने भगवान प्रभु श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर गाए गए गीत बता द बबुआ लोगवा देत काहे गारी बता द बबुआ, भिखारी ठाकुर रचित जतसारी गीत डगरिया जोहत ना हो बीतत बाटे अठपहरिया हो डगरिया जोहत ना, पिया गइले कलकतवा ए सजनी, पटना से बैदा बुलाई दा, पनिया के जहाज से पलटनिया, कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा और कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया जैसे गीत गाकर धमाल मचाया।
कार्यक्रम में भोला वर्मा ने तबला पर, शशि भूषण झा ने की-बोर्ड पर, हरीभूषण झा ने ढोलक पर, मनोज कुमार यादव ने पैड पर और कुमार पारस ने बैंजो पर कलाकारों के साथ शानदार तरीके से संगत की। मंच संचालन रूपम त्रिविक्रम ने किया।