आर्थिक संकट से जूझ रहे बिहार के अतिथि शिक्षक, 9 महीने से नहीं मिला मानदेय

EducationBiharNationalTrending
Google news

राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कार्यरत करीब 2.5 हजार से अधिक अतिथि सहायक प्राध्यापकों को 11 महीने से मानदेय नसीब नहीं है। इसके कारण उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है। राज्य के सभी विश्वविद्यालय में करीब ढाई हजार अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं।

इन्हें वर्ष 2023 के मार्च तक ही मानदेय दिया गया है। इसके बाद जून में इनका रिन्यूअल तो हुआ लेकिन मानदेय नहीं मिला। त्योहार को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर दो माह का मानदेय दीपावली के समय दिया गया, लेकिन अब भी करीब नौ महीने का मानदेय लंबित है।

सरकार व कुलपति को लिखा पत्र

अतिथि शिक्षकों ने सरकार व कुलपति को पत्र लिखकर आर्थिक संकट को दूर करने का आग्रह किया है। बताया जाता है कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इन्हें डेढ़ हजार रुपये प्रति कक्षा एवं अधिकतम 50 हजार रुपये दिए जाते है।

इसमें विभिन्न राज्यों के शिक्षक अपनी सेवा दे रहे है, लेकिन कई महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण उधार में जिंदगी चल रही है। काफी संख्या में विश्वविद्यालयों एवं विभिन्न कालेजों में नियुक्त अतिथि शिक्षक उत्तर प्रदेश, झारखंड से यहां आकर अपनी सेवा दे रहे हैं।

Rajkumar Raju

5 years of news editing experience in VOB.

Adblock Detected!

हमें विज्ञापन दिखाने की आज्ञा दें।