बिहार कैडर के सीनियर आईपीएस इन दिनों साइबर अपराध करने वाले हैकर्स के निशाने पर हैं। लोकप्रिय सीनियर आईपीएस अफसर का फेसबुक पर फेक अकाउंट बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा जा रहा है। रिक्वेस्ट पर लोग उस फेक अकाउंट से जुड़ भी रहे हैं। बिहार के जिन दो आईपीएस अधिकारियों का फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया गया है। उनमें एक हैं पटना पुलिस मुख्यालय के आईजी विकास वैभव और दूसरा कोशी रेंज के डीआईजी शिवदीप वामनरव लांडे। दोनों आईपीएस बिहार में आम जनमानस के बीच काफी लोकप्रिय है। दोनों कड़क अधिकारी हैं और सुपर कॉप्स के नाम से जाने जाते हैं। आईजी विकास वैभव जहां इन दिनों बिहार के गौरवशाली इतिहास को जीवंत और आमजनों को रू-ब-रू कराने के लिए लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान चला रहे हैं। वहीं कोसी रेंज के डीआईजी शिवदीप लांडे सहरसा, सुपौल और मधेपुरा में अपराधियों के ऊपर नकेल कसे हुए हैं। दोनों के फॉलोअर सोशल मीडिया में काफी अधिक हैं। यही कारण है कि साइबर अपराध को अंजाम देने वाले हैकर्स भी इसे भुनाने में कसर नहीं छोड़ रहे। पूर्व में भी इन दोनों आईपीएस का सोशल मीडिया के अकाउंट को हैक करने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं। एक बार फिर फेसबुक पर हैकर्स ने इन दोनों सीनियर आईपीएस का फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों को जुड़ने के लिए रिक्वेस्ट भेज रहे हैं।
बेगूसराय के बीहट के रहने वाले विकास वैभव 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान समय में पुलिस मुख्यालय में आईजी के पद पर हैं। फायर सर्विसेज व होमगार्ड विभाग में आईजी के पद पर रहते हुए डीजी शोभा अहोतकर से टकराहट के बाद इनका तबादला पुलिस मुख्यालय कर दिया गया था। पटना पूर्णिया समेत कई जिलों में एसपी के पद पर रहते हुए इनकी छवि एंटी क्रिमिनल बनी हुई है। मोकामा के टाल क्षेत्र से छोटे सरकार के नाम से मशहूर विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी से ये सुर्खियों में आए थे। भागलपुर में डीआईजी के पद पर रहते हुए भागलपुर वासियों के जेहन में अपनी कार्यशैली से अमिट छाप छोड़ रखा है। जिसे लोग आज भी याद करते हैं। जनता दरबार के माध्यम से मुलाकातियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का थाना से त्वरित निष्पादन कार्यशैली की शगल बन गई थी, जिसके कारण दिवानगी आम जनमानस में सर चढ़कर बोलने लगा था। विकास वैभव इन दिनों बिहार के गौरवशाली इतिहास से रू-ब-रू कराने के लिए लेट्स इंस्पायर बिहार जैसे मुहिम चला रहे हैं। बिहार के सभी जिलों में सैकड़ों हजारों की संख्या में जुड़कर युवा इस मुहिम का हिस्सा बने हुए है। वह हरेक जिले में लेट्स इंस्पायर बिहार कार्यक्रम के तहत जाकर बिहारवासियों में जागरूकता चला रहे हैं।
कौन हैं शिवदीप वामनराव लांडे
महाराष्ट्र के अकोला के मूल रूप से रहने वाले शिवदीप वामनराव लांडे 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान समय में कोसी रेंज के डीआईजी के पद पर आसीन हैं। बिहार में मुंगेर, पटना, अररिया, रोहतास आदि जिलों में एसपी के रूप में ऐसा काम किए कि लोगों के जेहन में आज भी उनकी कार्यशैली कायम है। महाराष्ट्र के रहते हुए भी बिहार कैडर के इस आईपीएस अधिकारी की कार्यशैली से अपराधी थर-थर कांपते हैं। कहा जाता है कि जिस जिले में एसपी के रूप में जाते थे, वहां के अपराधी इनके कार्यकाल के दौरान अपना ठिकाना बदल लेते थे। स्कूल कॉलेज जाने वाले छात्राओं के साथ होने वाली छेड़खानी को लेकर मनचलों को खूब सबक सिखाया। छात्राओं के बीच इन्होंने अपना मोबाइल नंबर शेयर कर रखा था और किसी तरह की सूचना पर त्वरित उस स्थान पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम देते थे। जिस जिस जिले में इनकी प्रतिनियुक्ति हुई, इनकी दिवानगी अमन पसंद लोगों के सर चढ़कर बोली। मुंगेर के जमालपुर में नक्सलियों से मुठभेड़, रोहतास में खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई, पटना में मनचलों पर नकेल, ट्रैफिक व्यवस्था का दुरुस्तीकरण, अररिया में आर्थिक अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई, कब्र से शव के गायब होने के मामले का उद्भेदन, हाथी दांत का काला कारोबार का उद्भेदन जैसे मामले बिहार का सिंघम बना दिया था। रोहतास में खनन माफियाओं के खिलाफ खुद से जेसीबी मशीन चलाकर अवैध क्रशरों को ध्वस्त करने को आज भी याद किया जाता है। इतना ही नहीं महाराष्ट्र पुलिस में एंटी नारकोटिक्स सेल क्राइम ब्रांच में रहते हुए दर्जनों मामलों के उद्भेदन ने नशे के सौदागर की नींद उड़ाकर रख दी थी। स्थानांतरण के बाद जिस तरह से एक एसपी के लिए अररिया, पटना और रोहतास में सड़क पर लोग उतरे। वह भी किसी भी एसपी के कार्यकाल को सुखद कहा जा सकता है।
हैकर्स के निशाने पर शुरू से रहे हैं सीनियर आईपीएस
ऐसा नहीं है कि ये दोनों अधिकारी ही हैकर्स के निशाने पर रहे या हैं। इससे पहले भी हैकर्स ने मुख्यालय एडीजी जितेंद्र कुमार, आईपीएस मनु महाराज, डीजी आलोक राज, एडीजीपी जे एस गंगवार, पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का फर्जी अकाउंट बना चुके हैं।
क्या कहते हैं दोनों सीनियर अधिकारी
फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने वाले मामले पर एक और जहां आईजी विकास वैभव ने इसे फर्जी करार दिया और अपने पेज पर फर्जी अकाउंट होने का स्पष्ट करते हुए रिस्पॉन्स नहीं लेने की अपील की। वहीं कोसी रेंज के डीआईजी शिवदीप वामनराव लांडे ने नए अकाउंट से भेजे जा रहे फ्रेंड रिक्वेस्ट अकाउंट को फेक करार दिया। फेक अकाउंट बनाने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई की बात कही।
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