बिहार के नये डीजीपी का पदभार ग्रहण करते ही आईपीएस अधिकारी आलोक राज ने राज्य के सभी पुलिस पदाधिकारियों को ‘स’ शब्द से जुड़े छह मूल मंत्र दिए। पहला, समय अर्थात रिस्पांश टाइम जितना अच्छा होगा, पुलिसिंग उतनी अच्छी होगी। दूसरा, स से सार्थक अर्थात कार्रवाई करें वो सार्थक हो, वो नजर आए कि कार्रवाई हुई है, अपराधियों में खौफ आए कि पुलिस ने कार्रवाई की है।
तीसरा, स से संवेदनशीलता। उन्होंने कहा कि मेरी अपेक्षा होगी पुलिस पदाधिकारी व कर्मी संवेदनशील हों, पीड़ितों के प्रति उनकी संवेदनशीलता दिखनी चाहिए, पीड़ित व्यक्ति पुरुष हो या महिला, कंप्लेन लेकर आता है तो हमारा दायित्व बनता है कि उनकी बातों को सुनें और संवेदनशीलता बरतें। चौथा, स से सख्ती, अगर हम सख्ती नहीं रखेंगे, तो अपराधी हम पर भारी होंगे।
उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि वे अपनी कार्रवाई में सख्ती लाएं ताकि हम अपने आप को इतना मजबूत करें कि अपराधी खौफ खाएं। पांचवा, स से सत्यनिष्ठा, अगर हम सत्यनिष्ठ और अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार नहीं होंगे तो बिहार की जनता की जो अपेक्षा है, उसे हम पूरा नहीं कर पाएंगे। इसके बाद, छठा, स से स्पीडी ट्रायल हमारा उद्देश्य होना चाहिए। समय से कांडों का अनुसंधान कर समय पर आरोप पत्र समर्पित करें और उसके पश्चात स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाएं।
उन्होंने कहा कि हमारा फोकस क्षेत्र होगा निरोधात्मक पुलिसिंग की कार्रवाई, अपराध की रोकथाम और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई, अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलाना। आलोक राज ने बताया कि इसके पूर्व निगरानी ब्यूरो में उन्होंने इसका पालन कराया है।