जम्मू कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले में नवादा के लाल 24 वर्षीय चंदन कुमार शहीद हो गए। वह जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के नारोमुरार गांव के रहने वाले थे। गरीब परिवार में जन्मे चंदन 2017 में आर्मी में भर्ती हुए थे। गुरुवार की देर रात परिजनों को मोबाइल पर इसकी सूचना दी गई। इसके बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। नारोमुरार ग्रामीण मौलेश्वर सिंह व जयंती देवी की चार संतानों में दूसरे नंबर पर रहे चंदन 89 आर्म्ड रेजिमेंट के जवान थे।
उनके बड़े भाई पीयूष कुमार ने बताया कि रात तकरीबन 1230 बजे मोबाइल पर सूचना मिली कि आतंकी हमले में चंदन शहीद हो गए हैं। यह खबर मिलते ही पूरा परिवार सन्न पड़ गया। मां-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों की चीत्कार गूंजने लगी। बता दें कि रायफल मैन चंदन कुमार अपने पांच साथी जवानों के साथ वीरगति को प्राप्त हुए हैं।
चंदन को किशोरावस्था में ही सेना की नौकरी करने की ललक थी। वे गांव से सटे एक मैदान में तैयारी में जुट गए। परिवार का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने वर्ष 2017 में सफलता हासिल की और महाराष्ट्र के अहमदनगर में नौकरी ज्वाइन की थी। उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव स्थित सरकारी विद्यालय में हुई थी।
महाराष्ट्र के अहमद नगर में ज्वाइन की थी नौकरी
चंदन को किशोरावस्था में ही सेना की नौकरी करने की ललक थी। वे गांव से सटे एक मैदान में तैयारी में जुट गए। परिवार का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने वर्ष 2017 में सफलता हासिल की और महाराष्ट्र के अहमदनगर में नौकरी ज्वाइन की थी। उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव स्थित सरकारी विद्यालय में हुई थी। सातवीं कक्षा की पढ़ाई करने के बाद बाद वारिसलीगंज स्थित बीके साहू इंटर स्कूल से 12वीं पास की। इसके बाद आर्मी भर्ती के लिए तैयारी शुरू कर दी।
पिछले साल लखीसराय में हुई थी शादी
चंदन की शादी पिछले साल ही हुई थी। लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा थाना के सरलाही गांव निवासी अनिल सिंह की पुत्री शिल्पी कुमारी के साथ उनका विवाह हुआ था। हालांकि उन्हें संतान नहीं है। ड्यूटी ऑफ होने के बाद प्रतिदिन पत्नी से मोबाइल पर बातें करते थे।
कभी-कभी पत्नी ही अपनी सास से पति को कांफ्रेंस से बात करवाती थी। बीते मंगलवार को चंदन ने अपनी मां से बात की थी। जबकि पत्नी शिल्पी से गश्ती पर निकलने से पहले गुरुवार के दिन में 11 बजे बात की थी। शहीद की मां रोते हुए कह रहीं थी कि चंदन पर पूरे परिवार का भरोसा था, वह सब चकनाचूर हो गया। हिम्मत दिखाती मां ने थरथराती जुबान से कहा कि दूसरा बेटा भी सेना में जाने लायक होता तो आतंकियों से बदला लेने भेज देती।