बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप 9 महीने बाद जेल से हुए रिहा, बोले- बिहार में कंस की सरकार

GridArt 20231223 141942706

पटना हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप को रिहा कर दिया गया है. बता दें कि मनीष को बिहार की बेऊर जेल में रखा गया था. 9 महीने बाद मनीष को जेल से रिहाई मिली है. मनीष को पहले तमिलनाडु ले जाया जाना था, मगर, पटना सिविल कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में ही रखा गया.

मनीष कश्यप ने पटना की बेऊर जेल से निकलते ही बिहार सरकार पर निशाना साधा. आजतक से बातचीत में Manish ने कहा कि बिहार में कंस की सरकार चल रही है. मनीष ने अपनी गाड़ी के आगे भारी भीड़ देखकर कहा कि यहां सभी को सुरक्षा मिल जाती है, लेकिन हमारे लिए रोड ही खाली करवा दीजिए. मनीष ने अपने आगे चल रहे लोगों से कहा कि आगे बढ़ने दीजिए, वर्ना ये लोग मुझ पर फिर कोई केस कर देंगे.

दरअसल, 12 मार्च 2023 को हथकड़ी पहने एक व्यक्ति की ट्रेन में यात्रा करते हुए वीडियो अपलोड की गई थी, इसी मामले में मनीष के खिलाफ FIR हुई थी. मनीष पर आरोप लगाया गया था कि सार्वजनिक भावनाओं को भड़काया है. इसके लिए वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई. पुलिस ने आईपीसी और आईटी अधिनियम की कई धाराओं के तहत कार्रवाई की थी. इस केस में पटना हाईकोर्ट ने मनीष कश्यप को सशर्त नियमित जमानत दी.

तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर एनएसए के तहत की थी कार्रवाई

मनीष कश्यप पर कानूनी शिकंजा तब कसा था, जब तमिलनाडु में बिहार के लोगों के खिलाफ हिंसा को लेकर एक वीडियो सामने आया था. आरोप लगाया गया था कि ये वीडियो मनीष ने फर्जी तरीके से अपने यूट्यूब चैनल पर दिखाया है. मनीष कश्यप के वीडियो को तमिलनाडु पुलिस ने गलत बताते हुए केस दर्ज किया था. तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर एनएसए के तहत भी कार्रवाई की थी.

कुर्की-जब्ती के बाद मनीष ने सरेंडर कर दिया था

मनीष ने राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उस समय तमिलनाडु सरकार ने एनएसए हटाए जाने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलीलें दी थीं. हालांकि, मनीष को राहत मिल गई थी. वहीं मनीष के खिलाफ बिहार के बेतिया जिले में 7 मामले दर्ज किए गए थे. इसमें भाजपा विधायक से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के अलावा बैंक मैनेजर से मारपीट का भी आरोप था. इस मामले में कुर्की-जब्ती के बाद मनीष ने थाने में सरेंडर कर दिया था, तभी से मनीष को जेल में रखा गया था.

मनीष के खिलाफ तमिलनाडु में दर्ज हुए थे छह मामले

तमिलनाडु में मनीष के खिलाफ 6 मामले दर्ज हुए थे. सिविल कोर्ट के फैसले के बाद मनीष को तमिलनाडु जेल में नहीं जाना पड़ा. मनीष को पटना की ही जेल में रखा गया. यहां कई मामलों में सुनवाई के दौरान पेशी होनी थी. वहीं तमिलनाडु में दर्ज मामलों में पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई.

अगस्त महीने में पटना सिविल कोर्ट ने मनीष को बड़ी राहत दी थी. कोर्ट ने मनीष को तमिलनाडु जेल वापस नहीं ले जाने का आदेश दिया था. तब वकील शिवनंदन भारती ने बताया था कि तमिलनाडु में मनीष के खिलाफ कुल 6 मामले दर्ज हुए थे, जिस पर उन्हें डिफॉल्ट बेल मिली थी. वहीं मनीष के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने 4 मामले दर्ज किए थे.

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
Related Post
Recent Posts