Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

चट्टान चीरकर प्रकट हुई थीं बिजासन माता, दिन में 3 बार बदलती हैं स्वरूप

GridArt 20241007 224255006 jpg

देवास: जिला मुख्यालय से करीब 120 किलो मीटर दूर इकलेरा में मां बिजासन का अतिप्राचीन मंदिर है. यह मंदिर क्षेत्र के हजारों भक्तों के आस्था का केंद्र बना हुआ है. दोनों नवरात्रि में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर के बारे में लोगों का मानना है कि यहां पर मूर्ति स्थापना के समय से जो अखंड ज्योति जलाई गई थी, वह आज भी जल रही है।

चट्टान से प्रकट हुई थीं मां बिजासन

लोगों का कहना है कि हजारों साल पहले यहां पर मां बिजासन एक चट्टान को चीरकर प्रकट हुई थीं, जिसके बाद यहां एक भव्य मंदिर बना हुआ है. पुजारी का कहना है कि भक्त माता के दर्शन के साथ उस चट्टान पर भी मत्था टेकते हैं. इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता के अनुसार यहां मांगी गई कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती. जो भी श्रद्वालु अपनी मन्नते यहां मांगता है वो मां बिजासन जरूर पूरी करती हैं. पुजारी के मुताबिक मां बिजासन दिन में तीन बार रूप बदलती हैं. सुबह नन्ही बच्ची का दोपहर में युवती का और शाम को बूढ़ी माता का रूप ले लेती हैं।

शारदीय नवरात्रि में बढ़ जाती है भक्तों की संख्या

मंदिर के पास ही दूध तलाई भी बनी हुई है, जिसके बारे में बताया जाता है कि यहां पर भी स्नान करने का महत्व है. मां के मंदिर में वैसे तो साल भर ही भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन शारदीय नवरात्रि के चलते यहां पर लोगों की भीड़ लगी रहती है. नवरात्रि में दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दरबार के पास अखण्ड ज्योति जलाते हैं।