वैशाली की बेटियां अंकिता कुमारी ने आर्ट्स स्ट्रीम में 94.6% अंक प्राप्त कर टॉप किया है.अंकिता कुमारी का कहना है कि उन्होंने राजकीय ब्रह्मानन्द उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेहान में पढ़ाई की है. उनकी इस सफलता में स्कूल के सभी टीचर्स का अहम योगदान रहा है. उनके शिक्षा ग्रहण में उनके माता-पिता का काफी सहयोग रहा है. उनके पिता बाइक मैकेनिक का काम करते हैं. उन्हीं की बदौलत वह इस मुकाम को हासिल कर पाईं हैं.
अंकिता सेल्फ स्टडी कर पायी सफलता: इस सफलता से खुश होकर अंकिता कुमारी ने सभी छात्र-छात्राओं को कहा कि अगर जीवन में सफलता हासिल करनी है और आगे बढ़ना है तो सेल्फ स्टडी और मेहनत बहुत जरूरी है. अंकिता ने बताती है कि प्रतिदिन 8 घंटे पढ़ाई करती थी. वह घर से प्रतिदिन दो किलोमीटर साइकिल से पढ़ने के लिए विद्यालय जाती थी.
शिक्षक बनना चाहती है अंकिता: बिहार टॉपर अंकिता कुमारी का कहना है कि आगे चलकर वह शिक्षक बनना चाहती हैं. परीक्षा की तैयारी के लिए अंकिता कुमारी प्रतिदिन 08 घंटे पढ़ाई करती थीं. अंकिता कुमारी ने बिहार टॉपर बनकर जिले के साथ-साथ गांव का नाम रौशन किया है. अंकिता के पिता और माता घर पर नहीं हैं लेकिन उसके दादा अपनी पोती की सफलता पर काफी खुश है.
पूरे गांव में खुशी का माहौल:अंकिता पढ़ाई के क्षेत्र में दिन-रात वह मेहनत करके इस मुकाम को हासिल किया है. अंकिता ने 473 अंक मिले हैं जो 94.6 प्रतिशत है. अंकिता कुमारी के बिहार टॉपर बनने से परिवार में खुशी का माहौल है. अंकिता कुमारी की सफलता पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है. लोग अंकिता कुमारी को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं.
“इस सफलता में सभी टीचर्स का अहम योगदान रहा है. उनके शिक्षा ग्रहण में उनके माता-पिता का काफी सहयोग रहा है. उनके पिता बाइक मिस्री का काम करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है इसके बावजूद वह उन्हें पढ़ा रहे हैं. उन्ही की बदौलत वह इस मुकाम को हासिल कर पाईं हैं.”–अंकिता, आर्ट्स टॉपर
बाइक मैकेनिक हैं पिता: अंकिता कुमारी के पिता अनिल कुमार शर्मा बाइक बनाने का काम सीखने के लिए अपने घर से 17 किलोमीटर दूर महुआ साइकिल से आया-जाया करते थे. काम सीखने के बाद गांव के ही चौक पर बाइक सर्विसिंग करने की दुकान खोले हुए हैं.
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