बिहार के सरकारी कार्यालयों में तैनात एक लाख से अधिक प्रोग्रामर, कंप्यूटर ऑपरेटर और आशु लिपिक प्रशिक्षित होंगे। राज्य सरकार ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। राज्य के विभिन्न विभागों, जिलों से लेकर निचले स्तर तक तैनात ये कंप्यूटर ऑपरेटर प्रमुख कामकाज निपटा रहे हैं। इनकी संविदा के आधार पर बहाली की गयी है और इनकी सेवा 60 वर्ष आयु तक के लिए है।
सभी प्रोग्रामर, कंप्यूटर ऑपरेटर और आशु लिपिक की बहाली बेलट्रॉन से होती है। प्रारंभिक तौर पर तकनीकी विशेषज्ञता (कम्प्यूटर डिग्री) की जांच के बाद ही इनकी बहाली होती है। मगर अंत-सेवा प्रशिक्षण की अब तक व्यवस्था नहीं है, जबकि राज्य सरकार के सभी महत्वपूर्ण कार्यों का दारोमदार इन्हीं पर है। दूसरी तरफ सरकारी कर्मियों के समय-समय पर प्रशिक्षण का कार्य बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) के माध्यम से होता है। इसके मद्देनजर बिपार्ड के महानिदेशक केके पाठक ने इन कंप्यूटर ऑपरेटरों एवं अन्य कर्मियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता जतायी है। उन्होंने बेलट्रॉन के प्रबंध निदेशक अभय कुमार सिंह को पत्र लिखकर प्रशिक्षण के लिए प्रस्ताव भी दिया है। इसमें श्री पाठक ने कहा कि कई जिलाधिकारियों ने मुझसे अनुरोध किया गया था कि इनका भी प्रशिक्षण आवश्यक है।
नि:शुल्क प्रशिक्षण: बिपार्ड से इन सभी को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिपार्ड महानिदेशक के अनुसार, प्रोग्रामर, कंप्यूटर ऑपरेटर और आशु लिपिक को एक सप्ताह का सांस्थिक प्रशिक्षण दिया जा सकता है। यह खर्च बिपार्ड वहन करेगा। ये कई वर्षों सरकारी विभागों और जिला कार्यालयों में काम कर रहे हैं। अमूमन, ये लोग राज्य सरकार के ‘ई- इंसिएटिव’ से संबंधित कार्य करते हैं। इसमें इंटरनेट और कंप्यूटर से जुड़े सभी कार्य शामिल हैं। प्रशिक्षण में बिपार्ड बेलट्रॉन के पदाधिकारियों की भी सहायता लेगा।
5 बिंदुओं पर होगा प्रशिक्षण
बिहार राज्य डाटा इंट्री/कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के महासचिव विशाल कुमार के अनुसार पांच प्रमुख बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया जा सकता है। इनमें कंप्यूटर संबंधी नये सॉफ्टवेयर की जानकारी, ई-ऑफिस शुरू होने के बाद हो रही परेशानियों को दूर करने के तरीकों की जानकारी, ई-फाइलिंग करने की अद्यतन जानकारी, एकाउंटस संभालने वाले कर्मियों को एचआरएमएस की विस्तृत जानकारी व वीडियो कांफ्रेंसिंग का बड़े स्तर पर इस्तेमाल शुरू होने से संबंधित जानकारी शामिल है।