मुख्यमंत्री पर अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार आरएसएस के बताए हुए रास्ते पर चल रहे हैं. दरअसल, तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर भागलपुर में मस्जिद पर झंडा फहराने का एक फोटो पोस्ट किया. लिखा है नीतीश कुमार आरएसएस से ज्यादा खतरनाक हैं. इसपर बीजेपी और जदयू ने जमकर निशाना साधा.
आरएसएस के विचारों पर चल रहे नीतीशः राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद का मानना है कि तेजस्वी यादव ने हिंदू और मुसलमान देखकर यह मुद्दा नहीं उठाया है. कहा कि यह समाज के बीच जिस तरीके का वातावरण बनाया जा रहा है. अनेकता में एकता की बात देश में होती थी, उसको कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से आरएसएस के विचारों पर चल रहे हैं.
‘समाज में जहर घोला जा रहा’: प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी के कट्टर विचारों को आगे बढ़ने का काम कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जो संवैधानिक पद पर हैं और संविधान की शपथ ली थी तो वे क्या कर रहे हैं. बिहार में जिस तरीके का वातावरण बनाया जा रहा है, समाज के अंदर जहर घोला जा रहा है तो सवाल उठाएंगे.
“नीतीश कुमार बिहार की सत्ता के शीर्ष पद पर बैठे हुए हैं. गिरिराज सिंह किस तरीके की बात कह रहे हैं, उसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या किया? इस पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने एक शब्द भी नहीं बोला. यही कारण है कि तेजस्वी यादव ने सरकार से पूछा है कि नीतीश कुमार यह बताएं कि वे आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित हैं या नहीं.” -एजाज अहमद, प्रवक्ता, राजद
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?: तेजस्वी यादव ने लिखा है “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से मिली जमीन, प्रोत्साहन, प्रायोजन एवं आत्मविश्वास के बल पर RSS और BJP के लोग भागलपुर में मस्जिद पर चढ़कर झंडा लहरा रहे हैं. अब प्रदेशवासी कह रहे हैं कि अस्वस्थ अवस्था के कारण नीतीश कुमार जी RSS से भी अधिक खतरनाक हो चुके हैं.” तेजस्वी के इसी पोस्ट से सत्ता पक्ष राजद पर हमलावर हो गया है. हालांकि इस मामले में राजद ने भी अपनी आवाज बुलंद की है.
सीएम ने सिद्धांत से समझौता नहीं कियाः जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी सीएम नीतीश कुमार का पक्ष लेते नजर आए. उन्होंने तेजस्वी यादव के नीतीश कुमार से पूछे हुए सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी धर्मनिरपेक्षता से समझौता नहीं किया. 2013 में उन्होंने इसी मुद्दे पर सत्ता को लात मारी थी, चाहे बीजेपी के साथ गठबंधन किया हो या राजद के साथ अपने अनुकूल ही उन्होंने सत्ता चलाने का काम किया.
“तेजस्वी यादव चुकि विपक्ष में हैं इसलिए विपक्ष के नेता के रूप में बयानबाजी कर रहे हैं. जहां तक नीतीश कुमार की बात है तो वे अपने विजन एवं इच्छा शक्ति के हिसाब से सरकार चलाते हैं ना कि किसी सहयोगी दल के दबाव में आकर काम कर रहे हैं.” -महेश्वर हजारी, मंत्री, बिहार सरकार
‘राजद का मुख्य काम मुस्लिम तुष्टिकरण’: बीजेपी का मानना है कि राजद और तेजस्वी यादव का हर काम मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए होता है. भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण का मानना है कि तेजस्वी यादव यह भली भांति जानते हैं कि उनके पिताजी की पूरी राजनीतिक कमाई और और राजद की पूरी राजनीतिक पूंजी मुस्लिम तुष्टिकरण ही है. इसलिए वे इस तरह का बयान देते हैं.
“आरजेडी मुस्लिम वोट पाने के लिए कुछ भी कर सकती है. नीतीश कुमार बिहार के एक सफल प्रशासक रहे हैं. बिहार को विनाश से विकास की तरफ ले जाने वाले व्यक्ति नीतीश कुमार ही हैं. बिहार में एनडीए की सरकार है जिसे लोग सुशासन की सरकार कहते हैं.” -कुंतल कृष्ण, प्रवक्ता, बीजेपी
अल्पसंख्यकों के बहाने नीतीश पर निशानाःतेजस्वी प्रसाद यादव कई मौकों पर अल्पसंख्यकों के बहाने सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं. 23 अक्टूबर को तेजस्वी यादव ने फेसबुक लाइव के जरिए अररिया के सांसद प्रदीप सिंह के बयान को लेकर सरकार को चेतावनी दी थी. उन्होंने फेसबुक लाइव में कहा था कि “मैं हरेक व्यक्ति को भरोसा दिलाता हूं कि जब तक मेरी सांस है मैं बिहार को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने वाले हरेक व्यक्ति के सामने डट कर खड़ा रहूंगा. भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि मुसलमानों की तरफ बुरी नजर से देखने वालों की ईंट से ईंट बजा देंगे.”
गिरिराज सिंह की यात्रा पर उठाए थे सवालः केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के हिंदू स्वाभिमान यात्रा पर भी तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया था. तेजस्वी यादव ने कहा था कि गिरिराज सिंह की बेबुनियाद बातों के लिऐ कोई जगह नहीं है. ये लोग केवल हिंसा पैदा करना चाहते हैं और नफरत फैलाना चाहते हैं. समाज को बांटना चाहते हैं. उसी आधार पर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं.
क्या कहते हैं विशेषः वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने वोट बैंक को साधने में लगी है. आरजेडी का मुख्य वोट बैंक मुस्लिम और यादव हैं, जिसे राजद के लोग MY समीकरण कहते हैं. तेजस्वी यादव को इस बात का भय अंदर से सता रहा है कि सीमांचल और उसके बाहर भी AIMIM उनके वोट बैंक में सेंध लगा सकती है. प्रशांत किशोर भी मुस्लिम वोटों पर नजर लगाए हुए हैं.
“यदि अभी से MY वोट बैंक को साधने में नहीं लगेंगे तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनका नुकसान पहुंच सकता है. यही कारण है कि वह अल्पसंख्यक वोटरों के बीच यह मैसेज पहुंचाना चाहते हैं कि अभी भी राजद मुसलमान की सबसे बड़ी ही हितैषी पार्टी है. इसीलिए तेजस्वी यादव कोई भी मौका नहीं चूकते.” – सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार