महाराष्ट्र ग्राम पंचायत के आज रिजल्ट जारी किए गए हैं, रिजल्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र ग्राम पंचायत चुनाव के करीबन 1600 से अधिक सीटों पर विजेताओं का ऐलान हो गया है। इस रिजल्ट के मद्देनजर बीजेपी नंबर 1 पार्टी बन गई है। बीजेपी इस चुनाव में अभी तक 724 से सीटों पर अपना कब्जा जमा चुकी है। वहीं, बीजेपी की सहयोगी पार्टी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित गुट ने भी क्रमश: 263, 412 सीटों पर जीत दर्ज कर लिया है। बता दें कि महाराष्ट्र के कुल 2359 ग्राम पंचायतों के लिए कुल 74 फीसदी मतदान हुआ था।
बारामती तालुके का रिजल्ट रहा दिलचस्प
वहीं, सबसे ज्यादा दिलचस्प लड़ाई तो बारामती तालुका में देखने को मिली है, यहां अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार को पटखनी दे डाली है। बारामती तालुका के 32 ग्राम पंचायतों के चुनाव की घोषणा की गई। इनमें से एक ग्राम पंचायत निर्विरोध चुनी गई। शेष 31 ग्राम पंचायतों के लिए कल मतदान हुआ। आज घोषित नतीजों में अजित पवार के समूह ने 31 ग्राम पंचायतों में से 29 पर सत्ता हासिल कर ली है। बाकी दो सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
बता दें कि एनसीपी फूट के बाद कई दिनों तक इस बात पर चर्चा होती रही कि बारामती तालुका की जनता किसका समर्थन करेगी। ग्राम पंचायत के नतीजे के बाद यह साफ हो गया है कि बारामती की जनता ने अजित पवार के नेतृत्व का समर्थन किया है। अजित पवार गुट ने बारामती को छोड़कर सभी ग्राम पंचायतों में निर्विवाद जीत दर्ज की है।
“विरोधी 50 फीसदी वोट के बराबर भी नहीं हैं”
इस जीत को लेकर एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा है कि जो चुनाव के नतीजे सामने आ रहे हैं उसमें पहले पर भाजपा, दूसरे पर अजित पवार एनसीपी और तीसरे पर शिंदे शिवसेना है और आखिर में दूसरे राजकीय पक्ष रहे है। मंत्री छगन भुजबल ने आगे कहा है कि राज्य में जो तिगड़ी सरकार है उनके 50% वोट के भी बराबरी विरोधी पक्षों ने नहीं किया है।
विश्वास दिखाने के लिए जनता का आभार- श्रीकांत शिंदे
वहीं,मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे ने कहा कि हम पर विश्वास दिखाने के लिए जनता का आभार व्यक्त करते हैं, ये महायुती की जीत है। पिछले 1.5 साल से UBT रोज़ हम पर आरोप लगाते थे, लेकिन जनता ने आज जवाब दे दिया है। लोगों ने बता दिया है उन्हें गालीगलौज़ नहीं पसंद है, लोग विकास चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने जनता के लिए जो स्कीम लागू किए है वो जनता को पसंद आ रहें हैं। श्रीकांत शिंदे ने आगे कहा कि ठाकरे सेना सातवें नंबर पर पहुंच गई है। हारने के बाद नाना पटोले बिना सिर-पैर की बात कर रही है, उनसे और उम्मीद ही क्या करें। ठाकरे सेना इस पर काम करें कि लोग उनको छोड़ के न जाए, घर के बाहर निकले और जनता से मिले।
श्रीकांत शिंदे ने आगे कहा, “ठाकरे सेना ने शिवसेना को मुंबई तक सीमित रखा था। मुंबई के बाहर उनको कोई लेना देना नहीं था। मुख्यमंत्री शिंदे शिवसेना को गांव गांव तक ले गए हैं। जिन जगहों पर चुनाव हुए वहां अजित पवार गुट के ज्यादा विधायक थे, हमारी संख्या कम होने के बावजूद पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया। महायुती को जनता ने चुना है।”