बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह को बिहार विधान परिषद का कार्यकारी सभापति बनाया गया है. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के द्वारा नियुक्त किया गया है. यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा. सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद चुने जाने के कारण यह पद रिक्त हो गया था. देवेश चंद्र ठाकुर जदयू के टिकट पर सीतामढ़ी से सांसद चुने गए हैं।
बिहार सरकार में मंत्री रहेः अवधेश नारायण सिंह को कार्यकारी सभापति बनाए जाने को लेकर राजभवन की ओर से अधिसूचना जारी की गयी है. अवधेश नारायण सिंह इससे पहले विधान परिषद के तीन बार सभापति रह चुके हैं. पहला कार्यकाल 08 अगस्त 2012 से 08 मई 2017, दूसरा कार्यकाल 16 जून 2020 से 25 अगस्त 2022 तक रहा. अवधेश नारायण सिंह नीतीश सरकार में 2008 में बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री बनाए गए थे।
एक बार छोड़ना पड़ा पदः देवेश चंद्र ठाकुर 2 वर्षों तक बिहार विधान परिषद के सभापति रहे. 14 जून को विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और तब से सभापति का पद खाली था. नीतीश कुमार जब महागठबंधन में गए थे तो उसे समय अवधेश नारायण सिंह विधान परिषद में सभापति थे लेकिन पद छोड़ना पड़ा था. उसके बाद ही देवेश चंद्र ठाकुर को सभापति की कुर्सी सौंप गई थी. अब देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने के बाद जब सभापति की कुर्सी खाली हुई है फिर से अवधेश नारायण सिंह को सभापति बनाया गया है।
लगातार एमएलसी बनते रहे हैंः अवधेश नारायण सिंह गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी का चुनाव लड़ते हैं और लगातार चुनाव जीत रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काफी बेहतर संबंध रहा है. यही वजह है कि फिर से उन्हें विधान परिषद के सभापति पद पर बैठाया गया है।