बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के क्रम में शनिवार को बक्सर पहुंचे. यहां उन्होंने 476 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस दौरान बड़ी संख्या में बीजेपी और जेडीयू के नेता भी कार्यक्रम में मौजूद थे. वहीं बीजेपी नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की. इतना ही नहीं शब्दों की मर्यादा भी भूल बैठे और नीतीश कुमार को लेकर विवादास्पद बयान दे डाला।
नीतीश पर बीजेपी नेता का विवादास्पद बयान: दरअसल नीतीश कुमार रामरेखा घाट पर पहुंचे. मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए तैयार बीजेपी और जेडीयू के कई बड़े नेताओं को सुरक्षाकर्मियों ने घाट पर जाने नहीं दिया. इसको लेकर नेताओं में घोर नाराजगी दिखी. भाजपा अतिपिछड़ा मोर्चा के क्षेत्रीय प्रभारी अमरनाथ जायसवाल ने कहा कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुम्भ से गंगाजल मंगाकर नीतीश कुमार को पवित्र करने के बाद गठबंधन में लिया था।
“आज भाजपा के नेताओं को ही उनके (नीतीश कुमार) कार्यक्रम में नहीं जाने दिया गया. हमलोग बनिया समाज से आते है इसलिए अपमानित किया जाता है. अगर नीतीश कुमार इशारा मात्र कर देते तो हमलोगों को नहीं रोका गया होता.”- अमरनाथ जायसवाल, क्षेत्रीय प्रभारी, भाजपा अतिपिछड़ा मोर्चा
गंगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान बक्सर में आर्सेनिक की समस्या से जूझ रहे 51 गांव के लगभग 37 हजार परिवारों को गंगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन कर सौगात दी. जिसको लेकर सिमरी प्रखण्ड के लोग काफी उत्साहित हैं. अब लोगों को गंगा का शुद्ध पेयजल मिल सकेगा।
रामरेखा घाट का निरीक्षण: नीतीश कुमार ने शहर के ऐतिहासिक रामरेखा घाट का निरीक्षण किया, जहां त्रेतायुग में भगवान राम ने नारी हत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए उत्तरायणी गंगा में डुबकी लगाई थी. मिनी काशी के नाम से मशहूर उत्तरायणी गंगा की तट पर बसा यह बक्सर, अपने धार्मिक, और ऐतिहासिक महत्व के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
मिनी काशी का दिखा अलग स्वरूप: विश्वामित्र की नगरी के नाम से मशहूर इस शहर के ऐतिहासिक रामरेखा घाट का निरीक्षण सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इस दौरान शंख एवं पारम्परिक वाद्य यंत्रों को बजाकर उनका स्वागत किया गया. नीतीश कुमार ने यहा लगभग 14 करोड़ की लागत से बनने वाली कैफेटेरिया और 7 डी सेंटर का शिलान्यास किया गया।