डीएमके नेता दयानिधि मारन ने यूपी-बिहार के लोगों के लिए अपमानजनक टिप्पणी की है। दयानिधि मारन ने कहा है कि यूपी और बिहार के हिंदी बोलने वाले तमिलनाडु में आकर टॉयलेट साफ करते हैं। उन्होंने कहा कि यह लोग यहां पर कंस्ट्रक्शन से जुड़े छोटे-मोटे काम करते हैं। ऐसे में उनके इस बयान पर बवाल मचा हुआ है। इसको लेकर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि – कांग्रेस और डीएमके की भाषा देश को तोड़ने वाली भाषा है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि, देश में जहां डीएमके कांग्रेस की सरकार है वहां ये लोग जानबूझकर ऐसा आदेश लाते हैं या भाषा बोलते हैं भाषा वही भाषा है जो देश को तोड़ने वाली भाषा है। अगर बिहार के लोग कहीं जाते हैं चाहें तमिलनाडु जाए, कर्नाटक जाए वो स्वाभिमान के साथ अपना काम करते हैं, मजदूरी करते हैं और स्वाभिमान के साथ मजदूरी करना कोई गुनाह नहीं है। बिहार के लोग उस राज्य के विकास में वह अपना योगदान देते हैं। लेकिन ऐसी भाषा बोल करके देश को अपमानित करने का काम डीएमके के नेता कर रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने कहा है कि, कांग्रेस और डीएमके के नेता पहले भी बिहारियों का अपमान किया है, सनातन का अपमान किया है। इनलोगों ने सनातन को खत्म करने की बात कही है। इसके बाद अब मजदूरों पर प्रहार कर रहे हैं, यह दुर्भाग्य है। मेरा तो सवाल है की कितना सबकुछ हो जाता है और राहुल गांधी आनंद लेते हैं यह सब सुनकर करके उनकी बोली इस पर क्यों नहीं निकलती है।
उधर, फारूक अब्दुल्ला के तरफ से आतंकी हमले को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा है कि फारूक साहब कुछ दिन पहले रिटायर एसएसपी नवाज पढ रहे थे। उनको मारने वाला कौन था? आतंकवादी था या फिर वहां के लोग थे ? अगर वहां के लोग थे आप जानते हैं नाम तो आपको बताना चाहिए। फारूक साहब यह सरकार कांग्रेस की नहीं है। केंद्र में यह सरकार कोई फारूक अब्दुल्ला की सरकार नहीं चल रही है जो आतंकवाद को समर्थन करते रहे। 90 के दशक में यह सरकार देश हित में काम करने वालों की हित में सरकार है। चाहे एसपी रिटायर की हत्या हो या फिर आतंकवादी हत्या करता है दूसरा कोई नहीं।