दिल्ली में आम आदमी पार्टी को घेरने में बीजेपी कोई भी मौका नहीं छोड़ रही। जहां आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना से मुलाकात की और राष्ट्रीय राजधानी के किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उनसे मदद मांगी। इसके साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि जो बस्तियां अभी तक अनाधिकृत कॉलोनियों के पारित होने वाले नक्शे में शामिल नहीं हुई हैं, उन्हें शामिल किया जाना चाहिए।
दिल्ली में किसानों की समस्या आज एक बड़ी समस्या के तौर पर है और इस समस्या को लेकर केजरीवाल सरकार को लगातार बीजेपी टारगेट भी करती रही है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए बीजेपी के लोकसभा सांसदों ने उपराज्यपाल से मुलाकात की।
इन सांसदों ने की मुलाकात
आज दिल्ली में उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात करने के लिए पहुंचे बीजेपी सांसदों में चार-सूत्री मांग पत्र सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, मनोज तिवारी, कमलजीत सहरावत और योगेंद्र चंदोलिया शामिल थे। इसको लेकर बिधूड़ी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने सक्सेना से उन किसानों को वैकल्पिक भूखंड उपलब्ध कराने का आग्रह किया जिनकी जमीन विभिन्न उद्देश्यों के लिए अधिग्रहीत की गई थी।
रामवीर सिंह बिधूड़ी का दावा
सांसद रामवीर सिंह ने इस मुलाकात के बाद दावा किया कि दिल्ली में ऐसे 16,000 से अधिक मामले हैं। उन्होंने कहा कि उनके आवेदन दिल्ली सरकार के भूमि एवं भवन विभाग के पास लंबित हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि उपराज्यपाल को बताया गया कि मृतक किसानों के परिजनों की संपत्ति के दाखिल खारिज का काम भी नहीं किया जा रहा है।
इसके सात ही सांसदों ने किसानों और अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को बिजली कनेक्शन प्राप्त करने में हो रहे कथित उत्पीड़न का मुद्दा भी उठाया। जिसको लेकर सांसद बिधूड़ी ने कहा कि यह सब बिजली वितरण कंपनियों द्वारा दिल्ली विकास प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगे जाने के नाम पर किया जा रहा है। सांसदों ने मांग की है कि इस शर्त को समाप्त किया जाए।