दिवाली के बाद छठ पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है। नियम और मान्यता के अनुसार हर साल छठ पूजा दिवाली के 6 दिन बाद पड़ता है। छठ पूजा कि शुरुआत नहाय खाए के साथ होता है। जबकि समापन सुबह के अर्घ्य के साथ होता है। यह पर्व बिहार के सभी हिस्सों में व्यापक रूप से मनाया जाता है। इस बीच अब एक बड़ी खबर इस पर्व को लेकर राजनीतिक गलियारे से सामने आ रही है।
दरअसल, खबर यह है कि इस बार बिहार में छठ पूजा कि छटा को देखने देश कि सबसे बड़ी पार्टी के बड़े नेता बिहार आ रहे हैं। यह छठ पूजा के मौके पर भगवान् भास्कर से देश और राज्यवासियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन कि विनती करेंगे। इसके साथ ही वह कई राजनेता के घर जाकर भी छठ वर्ती माता- बहनों से आशीर्वाद लेंगे।
भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार छठ पूजा के मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार आ सकते हैं। जेपी नड्डा 07 नवंबर को शाम 3 बजे पटना आ रहे हैं। इस दौरान वह गंगा घाट जाकर छठ वर्ती माता को अर्घ्य देंगे। इस दौरान उनके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी साथ होंगे। यह दोनों नेता स्टीमर के जरिए अलग -अलग गंगा घाट में छठ पूजा की छटा को देखेंगे।
मालूम हो कि पटना नड्डा की जन्मभूमि और कर्मभूमि भी है। उनकी सियासी यात्रा की शुरुआत चाणक्य की धरती पाटलिपुत्र से ही हुई। यही वजह है कि बिहार छोडऩे के बाद भी नड्डा का इस भूमि से गहरा लगाव है। इन्होंने पटना कॉलेज में पढ़ाई किया था और पहली बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर आकर्षित हुए थे। तब उन्हें भी आभास नहीं होगा कि एक दिन उनके हाथ में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की कमान होगी।
आपको बता दें कि 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी बिहार दौरे पर गए थे तब उन्होंने छठ पर्व के बारे में अपने विचारों को अभिव्यक्त किया था। मोदी ने कहा कि हम सभी उगते सूरज के पुजारी हैं लेकिन बिहारी समाज ऐसा है जो सूरज के हर रूप की पूजा करता है। ढलते सूरज की पूजा करना एक अनोखे संस्कार के बैगर संभव नहीं होता है। उगते सूरज की पूजा तो सब करते हैं लेकिन सूरज के हर रुप की पूजा करना और छठ की पूजा करना अपने आप में अद्भुत है।