कौन बनेगा राजस्थान का मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा विधायकों के साथ कर रहे वर्चुअल बैठक
दिल्ली से लेकर राजस्थान तक नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर हलचल तेज है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विधायकों के साथ वर्चुअल बैठक की। करीब 25 मिनट चली इस बैठक में नड्डा ने विधायकों से पार्टी के आगामी कार्यक्रमों और विकसित भारत संकल्प यात्रा को लेकर बात की। वहीं, कल रविवार को पार्टी आलाकमान की ओर तय किए गए तीनों पर्यवेक्षक विधायकों के साथ चर्चा करेंगे। पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, विनोद तावडे और सरोज पांडेय रविवार को जयपुर आएंगे। वहीं, सोमवार 11 दिसंबर को विधायक दल की बैठक होगी। ऐसे में माना जा रहा है कि इस कवायद के बाद सीएम के नाम का एलान किया जा सकता है।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने विधायकों को विकसित भारत संकल्प यात्रा की तैयारियां 17 दिसंबर तक पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा सभी विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में रूट लाइन तय करें। कई पुराने विधायकों ने पार्टी के अभियानों को पहले भी गति दी है। इस बार जीतकर आने वाले युवा विधायकों के जोश से पार्टी के अभियान को और गति मिलेगी।
ये पहला मौका है जब सरकार गठन से पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विधायकों के साथ बात की। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था, इस कारण से इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा था। पार्टी की ओर से सभी विधायकों को दो दिन जयपुर में रहने के निर्देश दिए गए है। कुछ विधायक आज शाम को ही जयपुर आ गए हैं, बाकी कल जयपुर पहुंच जाएंगे। रविवार और सोमवार को भी विधायक जयपुर में ही रहेंगे।
कल रविवार को पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, विनोद तावडे और सरोज पांडेय पार्टी कार्यालय में विधायकों के साथ चर्चा करेंगे। इस दौरान सभी विधायकों से वन टू वन चर्चा भी की जा सकती है। विधायकों के लिए लंच का इंतजाम भी पार्टी कार्यालय में ही किया जाएगा। लंच का टाइम दो बजे घोषित किया गया है। इसके बाद बैठक का दौर फिर शुरू हो सकता है।
राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के चयन में हो रही देरी को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा पर हमला बोला था। अब इसे लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि गहलोत की इच्छा सोमवार को पूरी हो जाएगी। यानी मुख्यमंत्री का नाम सोमवार तक फाइनल हो सकता है। ठाकुर ने कहा कि भाजपा में ऊपर से आदेश नहीं आते हैं। हमारी पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र मजबूत है, सभी मिलकर फैसला करते हैं। कांग्रेस में पूरे पांच साल मतभेद ही देखने को मिला है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.