बिहार की नई शिक्षक नियमावली के विवादित प्रावधानों के साथ-साथ नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा, शिक्षक बहाली में डोमिसाइल की मांग, बेरोजगारी की समस्या, प्रदेश में हो रहे अपराधिक घटनाओं और भ्रष्टाचार के मामले को लेकर भाजपा की ओर से आज गुरुवार को पटना मेंविधानसभा मार्चकार्यक्रम आयोजित किया गया. गांधी मैदान से विधानसभा मार्च निकाली गई।
प्रदेश की सरकार की खामियों को गिनायाः इससे पहले गांधी मैदान में सभा का आयोजन किया गया. जिसमें बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और प्रदेश की सरकार की खामियों को गिनाई. बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि प्रदेश की सरकार अराजक हो गई है. अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों और शिक्षकों के ऊपर लाठी चला रही है।
अब्दुल गफूर के रास्ते पर ही चल रहे है नीतीश’:राकेश सिन्हा ने कहा कि 1974 में बिहार के मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर हुआ करते थे और उस समय उन्होंने जो काम छात्रों और शिक्षकों के साथ किया, स्कूलों और कॉलेजों के साथ किया, वही काम आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार प्रदेश में कर रही है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि उस समय अब्दुल गफूर के खिलाफ जो छात्र आंदोलन चला उसके दो उपज निकले लालू यादव और नीतीश कुमार और यह दोनों आज के समय अब्दुल गफूर के रास्ते पर ही चल रहे हैं।
“बिहार की सरकार अधिनायक वादी अराजक और भ्रष्टाचारी हो गई है. चाणक्य और चंद्रगुप्त की धरती पर ऐसे अधिनायकवादी शासन की कोई जगह नहीं है. जिस प्रकार नंद वंश के शासन को बिहार की धरती ने उखाड़ फेंका था उसी प्रकार बिहार की सरकार को भी वह लोग उखाड़ फेंकेंगे. प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों के ऊपर कार्रवाई का निर्देश देकर सरकार भय की स्थिति कायम कर रही है और आपातकाल की स्थिति को फिर से कायम करने की कोशिश की जा रही है”-राकेश सिन्हा, राज्यसभा सांसद
सड़क से सदन की लड़ाई शुरू: वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री रेनू देवी ने कहा कि प्रदेश की सरकार अराजक हो गई है. शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज हो रहा है शिक्षकों के ऊपर लाठीचार्ज हो रहा है किसान सलाहकारों के ऊपर लाठी चार्ज हो रहा है. प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है अपराध बेलगाम है. जनता परेशान है. ऐसे में जनता के मुद्दे को लेकर सभी गांधी मैदान में एकत्रित हुए हैं. जनता के मुद्दों को लेकर सड़क से सदन की लड़ाई शुरू हो गई है।
ये परिवर्तन का मार्च है’: बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि बिहार की इस सरकार के दौरान चार करोड़ लोग पलायन के लिए मजबूर हुए हैं, 52% से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं, ऐसे में यह विधानसभा मार्च सिर्फ विधानसभा मार्च भर नहीं है बल्कि परिवर्तन का मार्च है।