बिहार में बड़े भाई की भूमिका निभा रहे जदयू को अब झारखंड में भाजपा की शर्तों को मानना पड़ेगा. यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा की शर्तों के कारण बड़ा झटका भी लग सकता है. वहीं झारखंड विधानसभा चुनावों के पहले अब सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में टकराव की नौबत दिख सकती है. एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर आपसी तकरार वाली स्थिति भाजपा के हालिया कदमों से दिखी है.
झारखंड में भाजपा अपने सहयोगियों जनता दल (यूनाइटेड) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) को साथ लेकर चलने की तैयारी में है. लेकिन बड़ी बाधा सीटों का बंटवारा है. सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने आजसू को 9 से 10 सीट देने का मन बनाया है. अमित शाह और सुदेश महतो के बीच बातचीत भी हुई है. दूसरी तरफ एनडीए का घटक दल जेडीयू 5 सीटों पर दावा कर रहा है. मगर, बीजेपी 1 सीट देने का मन बना रही है. बीजेपी जमशेदपुर ईस्ट की सीट जेडीयू नेता सरयू राय को दे सकती है.
जदयू को सिर्फ एक सीट देने की शर्त सीएम नीतीश के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है. नीतीश कुमार ने जदयू को अन्य राज्यों में विस्तार देने के लिए पहले ही अहम रणनीति के साथ आगे बढने कि घोषणा कर रखी है. इसमें बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड पर उनकी नजर है. इस वर्ष के अंत में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारिओं को लेकर सीएम नीतीश की पार्टी ने तैयारी भी शुरू कर दी है. सरयू राय को पार्टी में शामिल कराने के साथ ही जदयू ने कई नेताओं ने लगातार झारखंड में केम्प किया है. साथ ही कई विधानसभा सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवारों को चुनावी तैयारी करने भी बोल चुकी है. ऐसे में भाजपा के लिए जदयू को सिर्फ एक सीट देना एनडीए में तनाव बढ़ाने वाला हो सकता है.
इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर एक अहम राजनीतिक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि एनडीए के घटक दलों के साथ सीटो के बंटवारे को लेकर चर्चा जारी है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि भाजपा चाहती है कि जदयू को सिर्फ एक ही सीट दी जाए. अगर ऐसा हुआ तो यह झारखंड में जदयू को बड़ा झटका होगा. वहीं इससे सीएम नीतीश कि नारजगी का सामना भी भाजपा को करना पड़ सकता है.