बिहार के बीजीपे नेताओं पर विधानसभा मार्च के दौरान हुए पुलिसिया लाठीचार्ज का मामला तुल पकड़ता जा रहा है. इसे लेकर शुक्रवार देर रात पटना जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने प्रेस वार्ता कर दावा किया कि बीजेपी कार्यकर्ता विजय सिंह की लाठी चार्ज से मौत नहीं हुई है. इस मौके पर पटना डीएम के साथ पटना एसएसपी राजीव मिश्रा भी मौजूद रहे।
नहीं दी गई थी विधानसभामार्च की अनुमति: डीएम ने कहा कि भाजपा ने गांधी मैदान में सभा करने की अनुमति मांगी थी और उसे अनुमति थी. पोस्टर बैनर जो लगाए हुए थे उसके माध्यम से जानकारी मिल रही थी कि विधानसभा मार्च की तैयारी है. जिसके आधार पर पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी. अनुमंडल कार्यालय में विधानसभा मार्च के लिए भी आवेदन बीजेपी की ओर से गया हुआ था लेकिन विधानसभा मार्च की अनुमति नहीं दी गई थी।
डाकबंगला के आगे किसी भी प्रोटेस्ट की नहीं अनुमति: डीएम ने कहा कि गांधी मैदान से बीजेपी का मार्च विधानसभा के लिए आगे बढ़ने लगा. पुलिस बल ने जेपी गोलंबर पर रोकने की कोशिश की लेकिन यह सफल नहीं हुआ और प्रोटेस्ट आगे बढ़ गया. डाक बंगला के आगे सुरक्षित जोन है और हाई कोर्ट विधानसभा से लेकर सीएम आवास और राजभवन भी उसी क्षेत्र में आता है. इसलिए डाकबंगला के आगे किसी भी प्रोटेस्ट को जाने की अनुमति नहीं दी जाती है. डाकबंगला से प्रोटेस्ट के आगे बढ़ने से रोकने के लिए लाठी बल का प्रयोग किया गया और यह पहली बार नहीं किया गया है।
मुश्किल से स्थिति को किया गया नियंत्रित: पटना डीएम ने कहा कि लाठी बल का प्रयोग किसी प्रकार के पूर्वाग्रह से नहीं किया गया है. इससे पहले आरजेडी का विधानसभा मार्च था उस समय भी डाक बंगला पर लाठी बल का प्रयोग किया गया था. उसके बाद लोजपा का प्रोटेस्ट हुआ तब भी लाठी बल का प्रयोग करके आगे बढ़ने से रोका गया. कुछ लोग गोरिल्ला मेथड से आगे निकलकर हड़ताली मोड़ तक पहुंच गए जिसके बाद बहुत मुश्किल से स्थिति को नियंत्रित किया गया।
“बीजेपी कार्यकर्ता विजय सिंह की लाठी चार्ज से मौत नहीं हुई है. बीजेपी को विधानसभा मार्च की अनुमति नहीं दी गई थी. डाक बंगला के आगे किसी भी प्रकार के प्रोटेस्ट को आगे नहीं बढ़ने देना प्रशासन की प्राथमिकता है और आगे भी रहेगी.”-डॉ. चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना
लाठीचार्ज में नहीं हुई मौत: डीएम ने कहा कि जब डाक बंगला पर लाठी चार्ज हो रहा था उसी समय सूचना मिली की एक कार्यकर्ता की मौत हुई है. जब लोगों ने पता लगवाया और प्रथम दृष्टया जो कुछ भी सबूत मिले हैं उससे यही पता चला कि लाठीचार्ज से कार्यकर्ता विजय सिंह की मौत नहीं हुई है. पीड़ित परिवार के साथ जिला प्रशासन खड़ा है. जो लोग विजय सिंह को छज्जू बाग से तारा नर्सिंग होम तक ले जा रहे थे उन्हीं में से एक चंद्रवंशी जी ने बताया कि लाठीचार्ज की सूचना पाते ही गश खाकर गिर गए और आगे धीरे-धीरे घटनाक्रम बढ़ते गया और दुखद घटना हो गई।
सीसीटीवी फुटेज आया सामने: उन्होंने कहा कि 1:19 का भी सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें जेपी गोलंबर के आसपास विजय सिंह दिख रहे हैं और उनके साथ तीन लोग हैं. जो कल जारी किए गए सीसीटीवी फुटेज में उन्हें रिक्शा पर लाद कर ले जाते नजर आए थे. जिस समय की घटना है यह नहीं संभव है कि डाक बंगला से कोई इतनी जल्दी गोलंबर तक पहुंच जाए क्योंकि उसी समय लाठी चार्ज हो रहा था. शरीर पर किसी भी प्रकार के चोट के निशान नहीं है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार: डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बिना किसी पूर्वाग्रह के निष्पक्ष और वैज्ञानिक तरीके से जांच के लिए उन्होंने पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया. मेडिकल बोर्ड के द्वारा पोस्टमार्टम किया गया है जिसका रिपोर्ट आना बाकी है. ओपिनियन को रिजर्व कर लिया गया है. पैथोलॉजी रिपोर्ट आने के बाद ही पीएमसीएच के 3 एक्सपर्ट की रिपोर्ट आएगी. पोस्टमॉर्टम में पूरी पारदर्शिता बरती गई है और इसके लिए मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में और वीडियो रिकॉर्डिंग के बीच पोस्टमॉर्टम हुआ है।
हार्ट के जांच के लिए भेजा गया सैंपल: इसके अलावा कोतवाली थाना में अलग से अननेचुरल डेथ का जिला प्रशासन की ओर से एफआईआर दर्ज कराया गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है. पोस्टमार्टम में हार्ट के जांच के लिए एक सैंपल गया हुआ है. जिसका 4 दिन के बाद रिपोर्ट आएगा उसके बाद ही सब कुछ क्लियर होगा।