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‘महोत्सव’ से BJP के ‘माननीयों’ ने बनाई दूरी..क्या है मजबूरी, …तो स्थानीय JDU विधायक की ज्यादा पूछ से भाजपा MLA हैं टेंशन में ?

ByLuv Kush

फरवरी 22, 2025
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कला संस्कृति ,पर्यटन विभाग की तरफ से केसरिया महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस बार 20 से 22 फरवरी तक कार्यक्रम आयोजित है. केसरिया महोत्सव में बिहार के दोनों डिप्टी सीएम के अलावे प्रभारी मंत्री, जिले से जुड़े मंत्री कृष्णंदन पासवान, पूर्वी चंपारण(मोतिहारी) के तीनों सांसद राधामोहन सिंह, संजय जायसवाल और लवली आनंद को आमंत्रित किया गया था. बिहार के दोनों डिप्टी सीएम दिल्ली में होने की वजह से 20 फरवरी को उद्घाटन सत्र में नहीं आये. स्थानीय सांसद राधामोहन सिंह समेत, जिले से आने वाले एक भी भाजपा विधायक भी शामिल नहीं हुए. बेतिया के भाजपा सांसद संजय जायसवाल, RJD विधायक व अन्य नेता पहले दिन के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे. लेकिन न तो स्थानीय भाजपा सांसद और न ही पार्टी के एक भी विधायक दिखे. दूसरे दिन के उद्घाटन कार्यक्रम में भी पूर्वी चंपारण जिले के भाजपा से जुड़े माननीय नहीं दिखे. वाल्मीकिनगर से जेडीयू सांसद सुनील कुमार ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. केसरिया महोत्सव कार्यक्रम से भाजपा नेताओं की लगातार दूसरे दिन तस्वीर नहीं आने पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या पर्दे के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक खेल है ? जेडीयू विधायक की अगुवाई में कार्यक्रम का होना सहयोगी दल के माननीयों को पसंद नहीं ? तस्वीर सामने आने के बाद पूर्वी चंपारण जिले में जेडीयू और भाजपा के बीच के रिश्तों की हकीकत सबके सामने आ गई है.

केसरिया महोत्सव में इन नेताओं को किया गया था आमंत्रित 

बिहार सरकार के स्तर पर आयोजित तीन दिवसीय केसरिया महोत्सव में शामिल होने के लिए आयोजन समिति ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा, मंत्री सुनील कुमार और कृष्णंदन वर्मा, पूर्वी चंपारण के भाजपा सांसद राधामोहन सिंह, पश्चिम चंपारण के भाजपा सांसद संजय जायसवाल, शिवहर से जेडीयू सांसद,लवली आनंद और वाल्मीकि नगर से जेडीयू सांसद सुनील कुमार को आमंत्रित किया गया था. इनके अलावे केसरिया की स्थानीय जेडीयू विधायक शालिनी मिश्रा आमंत्रित थीं. दरअसल, कार्यक्रम सरकारी है, लेकिन स्थानीय विधायक होने के कारण शालिनी मिश्रा की अगुवाई में केसरिया महोत्सव का भव्य आयोजन हो रहा है. जेडीयू विधायक के अलावे ढाका से भाजपा विधायक पवन कुमार जायसवाल, मोतिहारी से भाजपा विधायक प्रमोद कुमार, राजद विधायक शमीम अहमद, भाजपा विधायक राणा रणधीर सिंह, लालबाबू प्रसाद गुप्ता, गोविंदगंज से भाजपा के विधायक सुनील मणि तिवारी, रक्सौल से बीजेपी के विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा, सुगौली से राजद विधायक शशिभूषण सिंह, कल्याणपुर के राजद विधायक मनोज कुमार यादव, पीपरा से भाजपा के विधायक श्यामबाबू यादव, बाबू बरही की विधायक मीना कामत, जिला परिषद अध्यक्ष ममता राय, मोतिहारी नगर निगम की अध्यक्षा प्रीती गुप्ता, केसरिया नगर पंचाय़त किरण देवी, केसरिया प्रमुख आलिया परवीण को आमंत्रित किया गया था. इनके अलावे विधान पार्षद वीरेन्द्र नारायण यादव, महेश्वर सिंह, बिक्रमगंज की पूर्व सांसद मीना सिंह, को भी बुलाया गया था.

स्थानीय सांसद व जिले भर के भाजपा विधायक नहीं पहुंचे  

केसरिया महोत्सव के पहले दिन भाजपा के एक भी विधायक नहीं पहुंचे. उद्घाटन सत्र में सिर्फ बेतिया से सांसद संजय जायसवाल शामिल हुए. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, सांसद संजय जायसवाल और स्थानीय जेडीयू की विधायक शालिनी मिश्रा ने उद्घाटन किया. पूर्वी चंपारण के भाजपा सांसद , जिले के भाजपा विधायकों के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने पर सवाल खड़े होने लगे हैं. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर केसरिया महोत्सव में सांसद संजय जायसवाल को छोड़ भाजपा के अन्य नेता क्यों नहीं दिखे,आखिर क्या मजबूरी रही जो पहले से तय कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए ? क्या अचानक सभी नेता जिले से बाहर चले गए ? या फिर इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक खेल है ? ये तमाम सवाल राजनीति के गलियारे में तैर रहे हैं.

चर्चा- जेडीयू विधायक की पूछ से भाजपा नेता हैं परेशान 

केसरिया महोत्सव में एक को छोड़ भाजपा के बाकी माननीयों की तस्वीर सामने नहीं आने के बाद स्थानीय लोग अपने-अपने हिसाब से अर्थ निकाल रहे. कहा जा रहा है कि चूंकि, केसरिया महोत्सव में सहयोगी दल की स्थानीय विधायक शालिनी मिश्रा बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं. यह बात भाजपा नेताओं को नागवार गुजर रहा है.लिहाजा सोची-समझी रणनीति के तहत दल के माननीयों ने अपने आप को केसरिया महोत्सव के कार्यक्रम से दूर रखा. पूर्वी चंपारण के एक भाजपा विधायक से  कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की वजह पूछा गया. उन्होंने कहा कि मुख्यालय से बाहर थे. उन्होंने कहा कि पार्टी के अन्य माननीय भी बाहर थे, इस वजह से केसरिया महोत्सव में शामिल नहीं हुए, इसमें राजनीतिक कारण नहीं है. हालांकि विधायक जी से बातचीत के दौरान ऐसा लगा जैसे वे किसी मुख्य बात को छुपाने के लिए सफाई दे रहे हों.


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