प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुबह 3.15 बजे तक चली केंद्रीय चुनाव समिति की मैराथन बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की पहली सूची पर मुहर लग गई और इसे कभी भी जारी किया जा सकता है। पांच घंटे से अधिक चली बैठक में 16 राज्यों में सीट दर सीट संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई। लेकिन इनमें बिहार, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश जैसे राज्य शामिल नहीं थे, जहां भाजपा को गठबंधन के साथियों के साथ सीटों का बंटवारा करना बाकी है।
पीएम मोदी समेत ने नेता भी बैठक में शामिल
लेकिन उत्तर प्रदेश में लोजपा को दो, अपना दल को दो, निषाद पार्टी और सुभासपा को एक-एक सीट देने का फैसला लिया गया। चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे। इसके साथ ही संबंधित राज्यों के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को भी बुलाया गया था।
150 उम्मीदवारों के नाम पर लगी मुहर
बैठक में 16 राज्यों के 250 से अधिक सीटों पर विस्तृत चर्चा हुई और लगभग 150 उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग गई। इनके नामों का ऐलान कभी भी हो सकता है। हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने मनसुख मांडविया, भूपेंद्र यादव, राजीव चंद्रशेखर, धर्मेंद्र प्रधान, पुरुषोत्तम रुपाला समेत कई मंत्रियों और सांसदों को दोबारा नामांकित नहीं किया था। इन्हें इनके संबंधित राज्यों से ही टिकट देने का फैसला किया गया है।
पहली लिस्ट में किन-किन को मिलेगा टिकट
पहली सूची में इनमें से कई के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही पहली सूची में कुछ विधायकों के नाम भी पर मुहर लगी है, जिन्हें राज्य से राष्ट्रीय राजनीति में लाने की तैयारी है। ऐसे विधायक उत्तर प्रदेश से समेत झारखंड व अन्य राज्य राज्यों से हो सकते हैं। पहली सूची में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी शामिल किया है, जो चुनाव प्रचार के दौरान सिर्फ अपने क्षेत्र तक सीमित नहीं रहते हैं और पूरे देश में चुनाव प्रचार करते हैं। ऐसे नेताओं को उनके मौजूदा सीट से टिकट दिया जा रहा है।
सांसदों के टिकट कटने की भी आशंका
सूत्रों के अनुसार, पहली सूची में बहुत सारी ऐसी सीटें शामिल हैं, जिन्हें भाजपा मुश्किल मानती है। इनमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पिछली बार पार्टी नहीं जीत पाई थी। पार्टी ने ऐसी 160 सीटों के लिए अलग से रणनीति बनाई थी और वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
चुनाव की घोषणा के पहले ऐसी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा से उन्हें प्रचार का अधिक समय मिल जाएगा और घोषणा के पहले चुनाव प्रचार का खर्च उनके खाते में भी शामिल नहीं होगा। बताया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश में भाजपा ने आधी सीटों पर उम्मीदवारों का चयन कर लिया है और बड़ी संख्या में मौजूदा सांसदों के टिकट कटने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में जातीय और सामाजिक समीकरणों का खास ख्याल रखा गया है।