भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाराष्ट्र में ‘मिशन 45’ पर काम शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार लोकसभा चुनाव में कई सीनियर नेताओं और विधायकों को टिकट दिया जा सकता है। खबर ये भी है कि धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित को भी भाजपा चुनावी मैदान में उतार सकती है।
चर्चा है कि बीजेपी माधुरी दीक्षित नेने को सांसद पूनम महाजन या गोपाल शेट्टी के लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है। बताया जाता है कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा मुंबई दौरे पर आए थे। इस दौरान दोनों नेताओं ने लाल बाग के राजा भगवान गणपति के दर्शन किए थे। इसके बाद दोनों नेताओं की राज्य के बड़े नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक भी हुई थी।
2019 में भी चर्चा थी, लेकिन कर दिया था इनकार
बैठक में जेपी नड्डा और अमित शाह दोनों ने लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की। इसी बैठक में माधुरी दीक्षित के नाम पर भी चर्चा की गई। बता दें कि इससे पहले 2019 में भी माधुरी दीक्षित के बीजेपी से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, तब माधुरी दीक्षित ने इंकार कर दिया था।
दरअसल, बीजेपी अगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार कर रही है। महाराष्ट्र में बीजेपी का टारगेट 48 सीटों में से सहयोगी दलों के साथ 45 सीट जीतने का है, लेकिन पार्टी के सामने सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि उनके सामने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और उद्धव ठाकरे मैदान में हैं।
आखिर महाराष्ट्र में क्यों नए प्रयोग कर रही है भाजपा?
कहा जा रहा है कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे के मुकाबले भाजपा का गठबंधन कम असरदार है, क्योंकि अभी तक महाराष्ट्र को लेकर जितने भी सर्वे आ रहें हैं, उसमें इंडिया गठबंधन, भाजपा और उसके सहयोगियों पर भारी दिख रहा है। यही कारण है कि बीजेपी इस बार महाराष्ट्र में भी नए प्रयोग करने वाली है।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी आलाकमान ने महाराष्ट्र के नेताओं से साफ कह दिया है कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा सीनियर वकील उज्जवल निकम, वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण, बीजेपी महाराष्ट्र अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, मंगल प्रभात लोढ़ा, चंद्रकांत पाटिल और विनोद तावड़े को लोकसभा चुनाव के चुनावी समर में उतार सकती है। लेकिन ये भी कहा जा रहा है कि इसमें से कई विधायक और मंत्री लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते।