विद्यालयों में छुट्टियों की नई व्यवस्था को भाजपा ने नीतीश सरकार का तुगलकी फरमान करार दिया है। पार्टी के अनुसार, यह निर्णय सनातन धर्मावलंबियों पर आघात है। सरकार की इस हिंदू विरोधी मानसिकता का प्रतिकार करने के लिए बिहार की जनता सड़क भी उतर सकती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का यह सोचा-समझा षड्यंत्र है, जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार को यह आदेश वापस लेना होगा, वरना जनता उसे उखाड़ फेंकेगी। इससे पहले भी सरकार तुष्टीकरण वाले निर्णय लेती रही है और विरोध होने आदेश को वापस भी।
सम्राट बोले, सरकार का फरमान तुगलकी
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि चाहे रामनवमी-जन्माष्टमी हो या रक्षाबंधन, हिंदुओं के पर्व-त्योहार से जुड़ी छुट्टियां को रद्द कर दिया गया है। दीपावली, छठ, दुर्गा पूजा की छुट्टियों में भी बड़े पैमाने पर कटौती की गई है। सरकार ने तुष्टीकरण के तहत ऐसा निर्णय किया है। मुस्लिम समुदाय के पर्व-त्योहार पर छुट्टियों को बढ़ा दिया गया है।
उर्दू स्कूलों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह सेक्युलर राज्य है। पूरे राज्य में एक दिन छुट्टी होती है, तो वहां क्यों अलग तरह की छुट्टियां होंगी। यह तुगलकी फरमान है, इसको कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सुशील बोले, सफल नहीं होगी नीतीश की मंशा
राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि संसदीय चुनाव को निकट देख महागठबंधन सरकार ने हिंदू पर्व-त्योहारों की छुट्टियां काट कर मुस्लिम त्योहारों पर छुट्टियां बढ़ाई है। हिंदुओं को जातियों में बांटकर व तुष्टीकरण के सहारे चुनाव जीतने की नीतीश की मंशा सफल होने वाली नहीं। उर्दू स्कूलों और मुस्लिम-बहुल इलाकों में शुक्रवार की साप्ताहिक छुट्टी तय कर सरकार ने धर्मनिरपेक्षता की धज्जियां उड़ा दी।