सत्ता के हनक में लोकतान्त्रिक मूल्यों का हनन कर , कर्पूरी ठाकुर के विचारों को कुचल रही बिहार सरकार: डॉ प्रीति शेखर

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भागलपुर के स्थानीय सुमित्रा सदन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सम्बोधित करते हुए बिहार प्रदेश भाजपा मीडिया पैनलिस्ट डॉ प्रीति शेखर ने कहा कि 24 जनवरी,1924 में जन्मे कर्पूरी ठाकुर बचपन से ही अन्याय, शोषण एवं असमानता के प्रति विद्रोही स्वाभाव के थे। देश की आजादी के लिए उन्होंने 26 महीने जेल में बिताये। वे बिहार में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री जैसे प्रमुख पदों पर आसीन रहे परन्तु बहुत ही सादगीपुर्ण जीवन जीते थे।वर्तमान में राजनेताओं को उनसे सीख लेने की जरुरत है।

1977 में जनता पार्टी की गैर कांग्रेसी सरकार बनी जिसमें जनसंघ भी शामिल था और और कर्पूरी दोबारा मुख्यमंत्री बने तो एससी एसटी के अलावा ओबीसी के लिए भी 27% आरक्षण लागू करने वाला बिहार देश का पहला सूबा बना। 11 नवंबर 1978 को उन्होंने महिलाओं के लिए तीन, गरीब सवर्णों के लिए तीन और पिछड़ों के लिए 20 फ़ीसदी यानी कुल 26 फ़ीसदी आरक्षण की घोषणा की।

बिहार में पिछले वर्गों के लिए गठित मुंगेरीलाल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर 1978 में कर्पूरी जी की उस सरकार ने नौकरियों में पिछडे वर्गों के लिए 27% आरक्षण की व्यवस्था लागू की जिसमें जनसंघ की ओर से कैलाशपति मित्र मंत्री थे और कर्पूरी जी के इस निर्णय में जनसंघ के सभी विधायकों का भरपूर साथ था।इसके तहत सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को एनेक्सचर 1 और 2 के तहत आरक्षण लागू किया गया। उस दौरान कर्पूरी जी के हर बड़े निर्णय में जनसंघ उनके साथ रहा।

1971 में मुख्यमंत्री बनने पर बिहार के किसानों को बड़ी राहत देते हुए कर्पूरी ठाकुर ने गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को खत्म कर दिया था।1977 में मुख्यमंत्री बनने पर नौकरियों में मुंगेरीलाल कमीशन लागू कर गरीबों और पिछड़ों को आरक्षण देने का साहसिक काम किया।

कर्पूरी ठाकुर सही मायने में जननायक थे।कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता व मुख्यमंत्री थे जिनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें जननायक कहा जाता है। जननायक कर्पूरी ठाकुर भारत के स्वतंत्रता सेनानी शिक्षक, राजनीतिज्ञ और गरीबों के मसीहा थे।

नाई (पिछड़ी) जाति में जन्म लेने वाले कर्पूरी ठाकुर सरल हृदय के राजनेता माने जाते थे।उन्होंने राजनीति को जन सेवा की भावना के साथ अपनाया और जिया भी उनकी सेवा भावना के कारण ही उन्हें जननायक कहा जाता है। उनकी ईमानदारी के किस्से आज भी सुनने को मिलते हैं।जब वह पहली बार उप मुख्यमंत्री बने तो अपने बेटे रामनाथ को पत्र लिखकर कहा तुम इससे प्रभावित नहीं होना, कोई लोग लालच देगा तो उस लोभ में मत आना,मेरी बदनामी होगी।

64 वर्ष की उम्र में 17 फरवरी 1988 को उन्होंने अंतिम सांस ली। दिल का दौरा पढ़ने से उनकी मृत्यु हो गई। उनका सादगी पूर्ण जीवन लोगों के लिए हमेशा प्रेरणादायी रहेगा। राजद की संगति में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लोकतंत्र को कुचलने में लगे हैं। कर्पूरी जी की जन्म जयंती मनाने भाजपा द्वारा पटना मिलर स्कूल ग्राउंड बुक किया गया था परन्तु जद यू द्वारा आज से ही उस मैदान पर कब्ज़ा जमा कर भाजपा को कार्यक्रम करने से रोका जा रहा है जो सरासर गलत है।

बिहार में पिछले 500 दिनों में हत्या की 1400 से ज्यादा घटना, महिलाओं के साथ हिंसा व अपराध में 300 प्रतिशत की वृद्धि, जहरीली शराब से औसतन हर महीने 10 लोगों की मौत और कानून के रखवाले पुलिस कर्मियों एवं सरकारी कर्मियों पर अपराधियों द्वारा जानलेवा हमला से पुनः जंगलराज की वापसी हो गयी है। नीतीश कुमार जी सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं, तेजस्वी जी मुख्यमंत्री बनने में लगे हैं और बिहार का विकास ठप है, जनता त्रस्त हैं, अपराधी मस्त हैं।

पिछड़े, अतिपिछड़े समाज का भाजपा की ओर झुकाव देखकर राजद -जदयू परेशान हैं। सरकारी तंत्र का दुरूपयोग कर बिहार सरकार भाजपा को कर्पूरी जयंती मनाने से रोकने पर तुली है, पर उनके मनसूबे कभी भी सफल नहीं होंगे।

कर्पूरी ठाकुर ने जिस रामराज्य की कल्पना की थी आज उनके पदचिह्न पर चलने का ढोंग रचने वाली राजद,कांग्रेस समेत इंडि अलायंस के नेता भगवान श्रीराम, सनातन एवं हिन्दू देवी देवताओं का अपमान कर रहे हैं और पार्टी सुप्रीमो उनके बयानों पर चुप्पी साधकर कर्पूरी की कल्पना पर लगातार कुठाराघात कर रहे हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि कर्पूरी के सपनों को राजद और जद यू लगातार कुचलने का प्रयास कर रही है। मिलर स्कूल, पटना में भाजपा द्वारा आयोजित कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में भागलपुर से हजारों कार्यकर्त्ता सम्मिलित होंगे। इस मौके पर ओ बी सी मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमरदीप साह,जिला मीडिया प्रभारी प्राणिक वाजपेयी, जिला प्रवक्ता बिनोद सिन्हा,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनूप लाल साह, बिनोद मण्डल, जिला महामंत्री ओमप्रकाश मण्डल, रंजीत गुप्ता मौजूद रहे।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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