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नाक-मुंह से खून और आंख में नीलापन..स्कूल में एडमिशन के 19 दिन बाद साहिल की मौत

ByLuv Kush

मार्च 22, 2025
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डीजीपी के निर्देश के बाद चंपारण रेंज के डीआईजी हरकिशोर राय ने खुद जांच का जिम्मा संभाल लिया है. मृतक के परिजन और आरोपियों से लगातार पूछताछ की जा रही है. पुलिस की इस कार्रवाई से परिजनों को भरोसा है कि उन्हें जल्द न्याय मिल जाएगा.

क्या है मामला: 9 जनवरी 2025 को 9 वर्षीय साहिल की मौत उस समय हो गयी जब वह स्कूल के हॉस्टल में रह रहा था. हॉस्टल संचालक मौत का कारण अलग बताया था लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के अलग कारण थे. इसके बाद परिजनों ने शक के आधार पर कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन 2 महीने से कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी. तब बगहा विधायक राम सिंह और सिकटा विधायक वीरेंद्र गुप्ता ने इसे बिहार विधानसभा में उठाया तो जांच में तेजी आयी.

‘पढ़ने में कमजोर था तो हॉस्टल भेजा’: बता दें कि साहिल राज बगहा के नवकी बाजार रोड वार्ड नंबर 28 अंतर्गत प्रकाश कुमार का पुत्र था. साहिल की मां जानकी देवी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि तीन बेटियों के बाद इकलौता बेटा साहिल राज था. वह पढ़ने में थोड़ा कमजोर था, इसलिए उन्होंने शहर से 19 किमी दूर चौतरवा के RC इंटरनेशनल आवासीय विद्यालय में 20 दिसंबर 2025 को एडमिशन कराया.

‘ठंड में भी खुला था हॉस्टल’: नामांकन के चार दिन बाद 24 दिसम्बर को विद्यालय में क्रिसमस की छुट्टी हुई तो साहिल को परिजन घर लेकर आ गए. इस बीच ठंड के कारण डीएम ने सभी सरकारी और निजी विद्यालय को बंद रखने का आदेश दिया. इसके बावजूद विद्यालय प्रबंधन ने हॉस्टल खुला रहने और पढ़ाई जारी रहने का हवाला दिया और छात्र को हॉस्टल में भर्ती कराने का दबाव बनाये जाने लगा.

‘स्कूल प्रबंधक ने क्या कहा?’: जानकी देवी ने बताया कि 3 जनवरी 2025 को साहिल राज को हॉस्टल भेज दिया गया. इसी क्रम में 9 जनवरी की शाम स्कूल प्रबन्धन से कॉल आया कि ‘आपके बेटे को फुटबॉल खेलते वक्त चोट लग गई है. हमलोग उसे अनुमंडलीय अस्पताल लेकर जा रहे हैं. अपलोग भी अस्पताल पहुंचिए.’ साहिल की मां बताती है कि ‘जब हमलोग अस्पताल पहुंचे तो स्कूल संचालक के भाई आत्मा यादव और साहब यादव बच्चे को अस्पताल के गेट पर छोड़ कर भागने लगे.’

प्रबंधक और पीटी शिक्षक पर प्राथमिकी: साहिल के रिश्तेदारों ने उक्त लोगों को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. जब बच्चा को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. कहा कि ‘बच्चे की मृत्यु दो घंटे पहले हो चुकी है’ इसके बाद हमलोगों ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए विद्यालय प्रबंधन और खेलकूद के पीटी शिक्षक पर नमाजद प्राथमिकी दर्ज कराई.

“विद्यालय प्रबन्धन ने बताया कि फुटबॉल खेलते वक्त साहिल ट्रैक्टर ट्रॉली से टकरा गया. इससे उसको चोट आई और मृत्यु हो गई. जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसके शरीर के कई हिस्सों पर गंभीर चोट के निशान हैं. उसकी मौत चोट लगने से नहीं बल्कि पिटाई से हुई है. उसके नाक और मुंह से खून आ रहा था. आंख पूरा नीला हो गया था. हाथ टाइट हो गया गया था. नाक की हड्डी टूट गयी थी. दांत टूट गया था.”-जानकी देवी, साहिल की मां

दो माह तक सोती रही पुलिस: साहिल के पिता प्रकाश कुमार ने बताया कि घटना के दो माह बाद भी पुलिस ने हमसे कोई पूछताछ नहीं की. इस बीच कई बार कैंडल मार्च और प्रदर्शन किया गया. जब सिकटा विधायक वीरेंद्र गुप्ता और बगहा विधायक राम सिंह ने विधानसभा में आवाज उठाई और हमलोग डीजीपी से जाकर पटना मिले तब डीआईजी जांच करने के लिए विद्यालय पहुंचे. डीआईजी द्वारा हमें उचित न्याय मिलने का भरोसा दिया गया है.

पीड़ित परिवार का कहना है कि विद्यालय में हम जब भी गए तो वहां का सीसीटीवी कैमरा चालू रहता था. इस बीच घटना के दिन से सीसीटीवी कैमरा खराब होने का हवाला स्कूल प्रबन्धन दे रहा है. पुलिस अच्छे से जांच करे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. “हमें किसी से दुश्मनी नहीं है. पुलिस हमारे साथ न्याय करे हम यहीं चाहते हैं.


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