‘इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन’ ने महाराष्ट्र के जैन समुदाय के विभिन्न संगठनों के सहयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74 वें जन्मदिन पर शुरू ‘सेवा पखवाड़ा’ के तहत बुधवार को नवी मुंबई में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इस दौरान 300 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। आयोजन का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन सेवाओं के लिए रक्त की आपूर्ति करना और जीवन बचाने के लिए नियमित रूप से स्वैच्छिक रक्तदान की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। इस अवसर पर उपस्थित सभी समुदाय के लोगों ने अंगदान करने का भी संकल्प लिया।
रक्तदान शिविर में समाज के सभी वर्गों के साथ जैन समुदाय के नेताओं ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों से अपनी कई योजनाओं से भारत की विरासत और अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर ऊंचा उठाया है। उनकी पहल ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत किया है और भारत के व्यापार परिदृश्य पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। राम मंदिर के निर्माण के लिए पीएम मोदी की सराहना करते हुए जैन समुदाय के सदस्यों ने कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। विरासत स्थलों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण भारत के पर्यटन परिदृश्य को बदल देगा, क्योंकि यह दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
जैन समुदाय की महिला सदस्य ने कहा कि पीएम मोदी भारत में महिला सशक्तिकरण के उत्प्रेरक हैं और उन्होंने परिवर्तनकारी नीतियों के साथ पूरे भारत मैं महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल की है। पीएम मोदी की पहल और योजनाओं ने भारत में महिलाओं के भविष्य को उज्जवल किया है।
राज्यसभा सांसद और आईएमएफ कन्वीनर सतनाम सिंह संधू ने कहा, “हमारे तीर्थंकरों (जैन धर्म के गुरु या प्रचारक) की शिक्षाओं ने ऐसे समय में नई प्रासंगिकता हासिल की है, जब वैश्विक स्तर पर कई देश युद्ध में उलझे हुए हैं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी विभाजित दुनिया की समस्याओं के समाधान के रूप में वैश्विक मंचों पर सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को पेश कर रहे हैं। उनका मानना है कि देश को आगे बढ़ाने में सभी की भूमिका अहम है। इसलिए वे हमेशा सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलते हैं। पीएम मोदी ने हमेशा जैन समुदाय काे बहुत सम्मान दिया है और समुदाय के कल्याण के लिए कई पहल की है। ‘विकास भी, विरासत भी’ के विजन के तहत पीएम मोदी जैन विरासत, दर्शन और शिक्षा के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि ‘जैन समुदाय के तीर्थयात्रियों की सुरक्षित और आसान यात्रा के लिए पीएम मोदी की सरकार ने बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में 12 जैन धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाला ‘जैन सर्किट’ विकसित किया है। जैन समुदाय की मांग पर पीएम मोदी ने झारखंड सरकार के पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल में बदलने के फैसले को रद्द कर दिया। पीएम मोदी की सरकार ने जैन छात्रों को 6.11 लाख से अधिक प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक और मेरिट-कम छात्रवृत्ति दी है। ‘पीएम मुद्रा योजना’ के तहत कुल 43 करोड़ ऋणों में से 5 प्रतिशत जैन समुदाय के युवा उद्यमियों को दिए गए।’
‘विश्व शांति केंद्र’ के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेश मुनि ने कहा कि “जैन समुदाय अहिंसक और शांतिप्रिय समुदाय है, इनका देश के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया है। वह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की बात करते हैं। अनेकता में एकता हमारे देश की मौलिक विशेषता है। पिछले साल ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के मंच पर वे पीएम मोदी के साथ उपस्थित थे, जहां अपने संबोधन में उन्होंने योग की बड़ी विरासत के बारे में बताया कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ से लेकर महावीर तक सारी प्रतिमाएं योग अवस्था में मिलती है। अपने अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि इस समय भारत की आवाज पूरी दुनिया सुन रही है और इसका जितना श्रेय पीएम मोदी को दिया जाए उतना कम है। प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा देश के बारे में सोचा है।”
जैन समाज, मुंबई के जनरल सेक्रेटरी संजय उपाध्याय ने प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि “मुद्रा योजना के तहत न सिर्फ जैन समाज को बल्कि पूरे भारत को लाभ मिला है। पीएम मोदी ने यह योजनाएं देश के हर समाज के लिए जारी की हैं, इससे न सिर्फ देश का विकास हुआ है, बल्कि हमारा पूरा देश एक-साथ मिलकर मजबूत हुआ है।”