बेतिया, बिहार – बिहार के बेतिया से पुलिस महकमे को हिला देने वाली सनसनीखेज घटना सामने आई है। शनिवार देर रात बेतिया पुलिस लाइन उस समय गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठी, जब एक सिपाही ने अपने ही साथी जवान पर इंसास राइफल से 11 राउंड फायरिंग कर उसकी निर्मम हत्या कर दी। मृतक सिपाही की पहचान सोनू कुमार के रूप में हुई है, जबकि आरोपी जवान सर्वजीत कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, दोनों सिपाही कुछ दिन पहले ही सिकटा थाना से ट्रांसफर होकर बेतिया पुलिस लाइन में एक ही यूनिट में तैनात हुए थे। प्रारंभिक जांच में यह मामला आपसी रंजिश का प्रतीत हो रहा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों जवानों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था, जो इस हिंसक टकराव की वजह बना।
शनिवार रात अचानक सर्वजीत कुमार ने इंसास राइफल से लगातार 11 गोलियां चलाईं, जिससे सिपाही सोनू कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। गोलीबारी के बाद आरोपी जवान अपनी राइफल लेकर पुलिस लाइन की छत पर जाकर छिप गया, जहां से उसे काफी मशक्कत के बाद काबू में किया गया।
डीआईजी मौके पर पहुंचे
घटना की सूचना मिलते ही चंपारण रेंज के डीआईजी हरकिशोर राय स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जांच में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
पुलिस कर रही हर एंगल से जांच
मृतक सिपाही सोनू कुमार का संबंध भभुआ (कैमूर जिला) से बताया जा रहा है, जबकि आरोपी सिपाही सर्वजीत कुमार भोजपुर जिले के आरा का निवासी है। घटना के बाद मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस द्वारा घटना के हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि विवाद की जड़ क्या थी।
भविष्य के लिए चेतावनी
इस वारदात ने पुलिस विभाग में सुरक्षा व्यवस्था और आंतरिक अनुशासन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या पुलिस महकमे में तनाव और आपसी विवाद की स्थिति को समय रहते पहचानने और निपटने की कोई प्रभावी प्रणाली है?
यह घटना पुलिस महकमे के लिए एक चेतावनी है कि आंतरिक तनाव और विवाद को नज़रअंदाज़ करना कितना घातक साबित हो सकता है। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और भी कई खुलासे हो सकते हैं।
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