नीली क्रांति से बदल सकती है बिहार की तस्वीर, मछली और मुर्गीपालन से राज्य होगा खुशहाल : सम्राट चौधरी
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि नीली क्रांति से बिहार की तस्वीर बदल सकती है। पशु, मछली और मुर्गीपालन से राज्य खुशहाल होगा। बिहार की दो सबसे बड़ी समस्या है, आबादी और पानी। यदि इसे ताकत बना लिया जाए तो राज्य काफी उन्नति कर सकता है। नेपाल से निकलने वाली नदियां बिहार में बर्बादी लाती हैं, लेकिन सही प्रबंधन कर लिया जाए तो मछलीपालन से खुशहाली आएगी।
गुरुवार को वे ज्ञान भवन आयोजित तीन दिवसीय पॉल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को मछली और मुर्गीपालन के क्षेत्र में आगे आना चाहिए। गुजरात की तर्ज पर स्वयंसहायता समूहों के माध्यम से बिहार की महिलाएं भी लखपति दीदी बन सकती हैं। इससे पहले उप मुख्यमंत्री ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के कियोस्क का उद्घाटन किया।
9.25 लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने कहा कि इस साल राज्य में 9.25 लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य है। 2023-24 में राज्य में 8.73 लाख टन मछली उत्पादन हुआ था। राज्य की अर्थव्यवस्था में पशुपालन, मछली और मुर्गीपालन का महत्वपूर्ण योगदान है। मुर्गीपालन और अंडा उत्पादन के लिए सहायता दी जा रही है।
14 किलो की मछली आकर्षण का केंद्र
14 किलो की एक मछली आकर्षण का केंद्र बनी रही। एक्सपो के मुख्य द्वार पर पानी से भरे बड़े टब में इसे रखा गया है। बेलछी के मुर्तजापुर गांव से विवेक ने इसे प्रदर्शन के लिए लाया था। विवेक ने बताया कि 5 साल में एक ब्लैक कार्प का वजन 30 किलो तक हो जाता है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.