राजधानी पटना और दानापुर इलाके में हुई तेज बारिश को देखते हुए दानापुर दियारे का लाइफ लाइन कहे जाने वाला पीपा पुल को खोल दिया गया है. जिससे सात पंचायतों का शहर से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. इस पीपा पुल के खुलने से दियारा के लोगों के पास आवागमन के लिए सिर्फ और सिर्फ नाव का ही सहारा रह गया है।
पहले लोगों ने पुल नहीं खोलने दिया: दरअसल, पिछले दो दिन पूर्व हुई बारिश से पुल के उतरी छोर का पथ ध्वस्त हो गया था और आवागमन करने में भारी परेशानी का सामना करना पडा रहा था. जिसको लेकर संवेदक ने रविवार की रात पुल खोलने के लिए मजदूरों को भेजा था. लेकिन दियारा के लोगों ने विरोध कर पुल नहीं खोलने दिया।
जलस्तर में वृद्धि नहीं होने का दावा: वहीं, सोमवार दोपहर में जहाज पार करने के नाम पर पीपा पुल खोला गया. लेकिन बाद में उसे जोड़ा नहीं गया. पीपा पुल खुलने से दियारा के लोग अब नाव के सहारे गंगा पार करने को विवश है. दियारा के लोगों ने बताया कि गंगा का अभी जलस्तर में कोई वृद्धि भी नहीं हुआ है और संवेदक द्वारा पुल को खोल दिया गया है।
संवेदक ने किया यह दावा: वहीं, इसको लेकर पूर्व जिला पार्षद सदस्य ने बताया कि गंगा के जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं हुआ है, लेकिन विभाग द्वारा पुल खोला देने से दियारा के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, संवेदक बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड विभाग द्वारा 15 जून के बाद पुल खोलने का आदेश है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि नहीं होने के कारण अब तक पुल नहीं खोला गया था।
जहाज पार करने के लिए खोला गया: उन्होंने बताया कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए पीपा पुल को सोमवार से खोल दिया गया है. जहाज पार करने के लिए पुल खोला गया था और पुल को ऐसे ही खोला छोड़ दिया गया. पुल खुलने से दियारा के विकास समेत आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाएगी. पुल खुलने से गर्भवती महिला, बीमार लोगों समेत वृद्ध को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. नाव से गंगा पार करने में करीब पौने घंटे लगेगा।
नाव बना आखिरी सहारा: बता दें कि लाखों की आबादी को अब गंगा नदी में नाव पर हिलकोरा मारते हुए पौने घंटे में महज तीन किमी की यात्रा करनी पड़ेगी. राजधानी से महज 10 किमी की दूरी पर बसी सात पंचायत आज भी अपनी बदहाली का आंसू रोने पर मजबूर हैं. इन लोगों को आज भी अपने गांव जाने-आने के लिए गंगा नदी को नाव के सहारे पार करना पड़ता है. गंगा नदी को नाव से पार करने में करीब पौने घंटा लगेगा।
आवागमन में हो रही परेशानी: वहीं, बताया जा रहा कि प्रत्येक साल पुल जोड़ने में विभाग द्वारा करीब एक करोड़ 67 लाख खर्च करने के बाद दियारे की सात पंचायतों के लोगों छह से सात माह ही पुल से आवागमन करते हैं. बरसात में नाव के सहारे आवागमन किया जाता है. विभाग के कार्यपालक अभियंता खुर्शीद करीम ने बताया कि विभाग द्वारा 18 जून को पुल खोलने के लिए संवेदक को आदेश दिया गया था. गंगा के जलस्तर में वृद्धि नही होने के कारण पुल नही खोला गया था।
“गंगा के जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं हुआ है, लेकिन विभाग द्वारा पुल खोला देने से दियारा के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण राजधानी से महज 10 किमी की दूरी पर बसे सात पंचायत के लोगों को आज भी दिक्कत हो रही है.” – ओम प्रकाश यादव, पूर्व जिला पार्षद सदस्य