देवघर के सोनारायठाड़ी थाना क्षेत्र के डोंडिया-पिपरडंगा गांव में शुक्रवार को गांव के तीन बच्चों के शव एक तालाब से बरामद किए गए। तीनों बच्चे इसी गांव के निवासी बासुदेव यादव और हरिकिशोर यादव के परिवारों के थे।
उन्होंने गांव के ही कुछ लोगों पर बच्चों की हत्या कर शव तालाब में फेंकने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों में इसको लेकर जबरदस्त गुस्सा है। इस घटना के खिलाफ सैकड़ों लोग प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं।
मौके पर पहुंची पुलिस को भी ग्रामीणों के गुस्से और विरोध का सामना करना पड़ा।
ये बच्चे गुरुवार की दोपहर लगभग तीन बजे खेलने निकले थे। उसके बाद से ही वे लापता हो गए। गुरुवार शाम तक कई जगहों पर उनकी तलाश की गई और इसके बाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।
शुक्रवार को इनकी कई जगहों पर खोजबीन की गई। गांव के तालाब में भी संदेह के आधार पर गोताखोर उतारे गए तो तीनों बच्चों के शव मिले।
हरिकिशोर यादव का कहना है कि गांव के विनोद, रीतलाल, मनोज, नवल और शंभू ने जमीन विवाद को लेकर चल रहे निजी रंजिश की वजह से उनके पूरे परिवार के खात्मे की धमकी दी थी। एक सप्ताह पहले इसे लेकर झगड़ा हुआ था और इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शुक्रवार को गांव पहुंची पुलिस को ग्रामीणों ने घेर लिया और जमकर नारेबाजी की। लोगों का कहना है कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो तीनों बच्चे आज जीवित होते।
बाद में डीएसपी ऋतिक श्रीवास्तव और कई थानों की पुलिस पहुंची, लेकिन गुस्साए लोग आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। शुक्रवार दोपहर दो बजे तक बच्चों के शव गांव में ही पड़े थे। लोगों का कहना है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, शवों को नहीं उठने दिया जाएगा। बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।