टमाटर की सुरक्षा के लिए तैनात किए थे बाउंसर, पुलिस ने 2 को किया गिरफ्तार; जानें पूरा मामला
समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता द्वारा महंगे टमाटर की सिक्यॉरिटी के लिए 2 ‘बाउंसर’ तैनात करने के मामले में पुलिस ने एक सब्जी विक्रेता और उसके बेटे को अरेस्ट किया है। इस केस के बारे में जानकारी देते हुए लंका थाना प्रभारी अश्विनी पांडेय ने बताया कि एक वीडियो में खुद को दुकान का मालिक दिखाने वाला समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ताअजय फौजी फरार है। पुलिस ने बताया कि जगनारायण यादव और उसके बेटे विकास यादव को रविवार को ‘मानहानि’ के मामले में गिरफ्तार किया गया।
‘लोगों के गुस्से से बचने के लिए बाउंसर किए तैनात’
वीडियो में सपा कार्यकर्ता ने दावा किया था कि उसने टमाटर की कीमतों का मोलभाव करने के दौरान ग्राहकों के गुस्से से बचने के लिए 2 बाउंसर तैनात किए हैं। सपा वस्तुओं की कीमतों में हो रही वृद्धि को लेकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार को निशाना बना रही है। फौजी ने हाल में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के जन्मदिन पर टमाटर की आकृति वाला केक काटा था और टमाटर बांटे थे। पुलिस ने बताया कि पकड़े गये आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 291 और 505 के तहत FIR दर्ज की गयी है।
‘सब्जी वाले को थाने में बिठाना कहां तक उचित है’
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी मामले में बिना किसी का नाम लिए ट्वीट किया, ‘जिस देश-प्रदेश में स्वस्थ व्यंग्य और कटाक्ष के लिए स्थान न हो वहां समझ लेना चाहिए, दूसरों को डराने वाली सत्ता, स्वयं डरी हुई है।’ इससे पहले उन्होंने रविवार को ट्वीट किया था कि वाराणसी में महंगाई जैसे जनहित के विषय पर सरकार का ध्यानाकर्षण करने वाले सब्जी वाले को थाने में बिठाना कहां तक उचित है। वहीं, सपा कार्यकर्ता के इस कदम को राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा था।
‘…तो मैंने बाउंसर तैनात करने का फैसला किया’
इससे पहले अजय फौजी ने बाउंसर तैनात करने की जरूरत पर बोलते हुए कहा था, ‘टमाटर की ऊंची कीमतों के कारण, इसे खरीदते समय लोगों के बीच तीखी नोकझोंक होने की खबरें आ रही थीं। हमारी दुकान पर आने वाले लोगों ने भी ऐसा करने की कोशिश की। जब मैंने महसूस किया कि अब बहुत हो चुका, तब मैंने अपनी दुकान पर बाउंसर तैनात करने का फैसला किया।’ फौजी की दुकान पर पिछले ‘9 सालों’ में वस्तुओं की बढ़ती कीमतों का जिक्र करते हुए एक तख्ती भी लगाई गई है, जो स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के कार्यकाल को इंगित करती है।
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