यूपीएससी परीक्षा पास करना आसान नहीं होता फिर अगर आपका मीडियम हिंदी हो तो ये सफर और मुश्किल हो जाता है. लेकिन ऐसे में कुछ कैंडिडेट्स गंगा सिंह जैसे भी होते हैं जो जानबूझकर हिंदी माध्यम चुनते हैं और यह परीक्षा देने का निर्णय लेते हैं. जी हां, गंगा के साथ हिंदी माध्यम चुनने की मजबूरी नहीं थी और तो और वे एक साइंस स्टूडेंट थे पर जब यूपीएससी परीक्षा देने की बारी आयी तो उन्होंने न केवल अपना ऑप्शनल हिंदी साहित्य को बनाया बल्कि हिंदी माध्यम से परीक्षा भी दी. क्यों लिए गंगा सिंह ने ऐसे फैसले? आइये जानते हैं।
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में गंगा सिंह ने अपनी इस जर्नी के बारे में खुलकर बात की।
रिवीजन करना आसान होता है इसलिए छोटे-छोटे नोट्स जरूर बनाएं. जहां तक करेंट अफेयर्स की बात है तो इसके लिए सालों पहले से रोजाना पेपर पढ़ने की आदत डालें. पेपर पढ़ते समय ध्यान रहे कि केवल अपने विषय की भी खबरों पर ध्यान दें. बाकी फालतू खबरों पर समय बर्बाद न करें. कुछ दिनों में आप पेपर जल्दी और चुनिंदा तरह से पढ़ना सीख जाएंगे।
अगली जरूरी चीज मानते हैं गंगा एनसीईआरटी की किताबों को और कहते हैं कि संभव हो तो क्लास 6 से 12 नहीं तो क्लास 8 से 12 तक की किताबें तो जरूर पढ़ें. उनका मानना है कि यूपीएससी में सीधे इन्हीं किताबों से प्रश्न आते हैं।
गंगा की सलाह –
गंगा कहते हैं कि हिंदी माध्यम में ऑथेंटिक मैटीरियल थोड़ा कम है इसलिए सावधानी से सेलेक्शन करें और हिंदी मीडियम के मैटीरियल के लिए इंटरनेट पर कम भरोसा करें. जब तैयारी एक स्तर तक पहुंच जाए तो मॉक टेस्ट जरूर दें. इससे आपको अपनी गलतियों का समय से पता चल जाता है और आप उन्हें समय रहते दूर कर पाते हैं. इनसे अभ्यास भी होता है और वीक एरियाज भी पता चलते हैं. इसके साथ ही पिछले साल के प्रश्न-पत्र हल करना भी परीक्षा पास करने में मदद करता है. टॉपर्स के इंटरव्यू देखें और उनके दिखाए रास्ते पर अपनी जरूरत के मुताबिक चलें. सही दिशा में कड़ी मेहनत करते हुए आगे बढ़ेंगे तो सफल जरूर होंगे और माध्यम कभी आपके रास्ते की बाधा नहीं बनेगा।