Bihar

BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा में बदलाव : प्रश्नपत्रों पर रंगीन कोडिंग होगी, नॉर्मलाइजेशन के आधार पर जारी होगा रिजल्ट

Google news

बिहार लोकसेवा आयोग ने तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में बड़ा बदलाव किया है। प्रश्नपत्रों से लेकर रिजल्ट की प्रक्रिया में भी इसबार बदलाव दिखेगा। प्रश्नपत्रों के कई सेट तैयार किये गए हैं। ये अलग-अलग रंगों के होंगे। प्रश्नपत्रों की कलर कोडिंग की गई है। मंगलवार को कार्यालय कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आयोग के अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार ने इसकी जानकारी दी।

परमार ने बताया कि प्रश्नों का सेट अलग-अलग होने से इसबार रिजल्ट नॉर्मलाइजेशन के आधार पर आएगा। पहले सभी रिजल्ट का पर्सेंटाइल निकाला जाएगा। उसके बाद रिजल्ट नॉर्मलाइजेशन के आधार पर जारी किया जाएगा। बताया कि इस बार प्रश्नपत्र की कोडिंग नंबर से नहीं होगी। बल्कि प्रश्नपत्रों के सेट पर कलर मार्क होगा। किस कलर सेट का किस जिले में उपयोग किया जाना है, इसकी सूचना जिलाधिकारियों को परीक्षा से तीन घंटा पहले दी जाएगी। कलर सेट का चयन वैज्ञानिक तरीके से होगा। प्रश्नपत्र पहुंचाने वाली गाड़ी में जीपीएस ट्रैकर लगे रहेंगे। इसमें ड्राइवर के साथ अधिकारी और कर्मचारी भी रहेंगे। प्रश्नपत्रों को अभ्यर्थियों के सामने ही खोला जाएगा।

पेपरलीक रोकने को तकनीक का उपयोग: बीपीएससी के अध्यक्ष ने कहा कि पेपरलीक की कोई संभावना न रहे, इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। परीक्षा में हर केंद्र पर प्रत्येक अभ्यर्थियों को बायोमेट्रिक जांच से गुजरना होगा।

तीसरे चरण में 87,774 पदों पर होनी है नियुक्ति: तीसरे चरण में 87,774 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। परीक्षा के लिए राज्यभर में कुल 404 केंद्र बनाए गए हैं। छह लाख अभ्यर्थी अलग-अलग विषयों के शामिल होंगे। परीक्षा 19 से 22 जुलाई तक 27 जिलों में आयोजित होगी।तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के लिए 4,256 अतिथि शिक्षकों ने भी आवेदन किया है। इन शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद परीक्षा में आवेदन करने का मौका मिला था। उन्हें 25 अंकों का अलग से वेटेज दिया जाएगा। आयोग के सचिव मो. कयासउद्दीन ने बताया कि ई-एडमिट कार्ड में अंकित बार कोड के स्कैनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।पटना में 19 जुलाई को 26 केन्द्रों पर 14,425 अभ्यर्थियों की परीक्षा होगी। 20 जुलाई को 20 केन्द्रों पर 11,559 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे।

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन

पेपर कितना कठिन था इसका स्तर नॉर्मलाइजेशन सिस्टम से तय होता है और अंक निर्धारित किए जाते हैं। उदाहरण के लिए परीक्षा के पहले दिन पेपर कठिन आता है तो तय किया जाता कि यदि कोई 70 नंबर भी ले आया तो उसे 100 नंबर मान लिया जाएगा। वहीं दूसरे दिन पेपर बहुत सरल होता है तो इसका उल्टा कर दिया जाता और 100 नंबर लाने वाले को 70 नंबर मान लिया जाता है। इस प्रक्रिया में औसत निकाला जाता है और जिस दिन के पेपर में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त हुए हैं उसके हिसाब से कम अंकों वाली शिफ्टों में अंक जोड़कर बराबरी की जाती है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण