हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से एक लाख 70 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों की बहाली हुई है. अब रिजल्ट जारी होने के बाद अब वैसे अभ्यर्थियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है जिन्होंने परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया है. बीपीएससी ने ऐसे 20 अभ्यर्थियों को चिह्नित किया है और उन पर कार्रवाई की गई है. सोमवार (30 अक्टूबर) को विभाग की ओर से इस संबंध में जानकारी दी गई है. ये कैंडिडेट्स अब अगले पांच साल तक आयोग की प्रतियोगी परीक्षा नहीं दे सकेंगे.
सोमवार को बीपीएससी की ओर से जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि 11 ऐसे कैंडिडेट्स हैं जिनकी जगह पर दूसरे लोग परीक्षा दे रहे थे. वहीं कुछ अभ्यर्थी आधार कार्ड के सत्यापन में असफल रहे तो वहीं कुछ बायोमेट्रिक में फेल हो गए. ऐसे अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की गई है. बीपीएससी ने जांच के बाद एक्शन शुरू कर दिया है.
इन 20 लोगों पर की गई है कार्रवाई, देखें नाम
बीपीएससी की ओर से जिन अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की गई है उनकी लिस्ट जारी की गई है. साथ ही कारण भी बताया गया है. जिन 20 अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की गई है उनमें अंशु यादव, रामनंदन कुमार, रंजन कुमार गुप्ता, विकास कुमार राय, विकास चंद्र यादव, हरि प्रकाश, समीर राज, निरंजन कुमार, सरोज कुमार प्रसाद, राजाराम यादव, फूल कुमारी, मनीष कुमार, लालू कुमार, राकेश कुमार, शशि कुमार, मणिकांत कुमार, रितेश कुमार, मदन मोहन कुमार, गौरव कुमार और संजीत कुमार शामिल हैं.
बता दें कि बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट अभी हाल ही में जारी किया था. अब जांच के बाद फर्जी अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसा गया है. प्रतिबंध के पांच साल की गणना परीक्षा की तिथि से की जाएगी. 24 अगस्त की परीक्षा में शामिल 11, 25 अगस्त की परीक्षा में तीन और अंतिम दिन 26 अगस्त की परीक्षा में छह अभ्यर्थी शामिल थे. प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए भर्ती निकाली गई थी.